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बस्तर: नक्सलियों ने ‘घर वापस आइए’ अभियान से प्रेरित होकर किया सरेंडर

बस्तर: नक्सलियों ने ‘घर वापस आइए’ अभियान से प्रेरित होकर किया सरेंडर

बस्तर में ‘घर वापस आइए’ अभियान से प्रेरित होकर 29 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 21 दंतेवाड़ा और 8 नारायणपुर जिले के नक्सली शामिल हैं। इनके सिर पर कुल 55.50 लाख रुपये का इनाम था। नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सुविधाएं मिलेंगी।

Bastar: छत्तीसगढ़ के बस्तर में चल रहे ‘घर वापस आइए’ अभियान से प्रभावित होकर 29 नक्सलियों ने बुधवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें 21 नक्सली दंतेवाड़ा जिले और 8 नारायणपुर जिले के हैं। आत्मसमर्पण करने वालों पर कुल 55.50 लाख रुपये का इनाम था। नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर यह कदम उठाया। पुलिस ने उन्हें प्रोत्साहन राशि के चेक दिए और छत्तीसगढ़ की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी।

दंतेवाड़ा जिले में 21 नक्सलियों ने किया सरेंडर

दंतेवाड़ा जिले में कंपनी नंबर एक के सदस्य केये उर्फ केशा लेकाम (24) सहित 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। केशा लेकाम के सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम था, वहीं छह नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपये, पांच नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये और एक नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम था।

पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर और चल रहे ‘घर वापस आइए’ अभियान से प्रेरित होकर यह कदम उठाया। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर पुलिस दल पर हमला, सड़कें खोदना, पेड़ काटना और नक्सली बैनर लगाने जैसे मामलों के आरोप थे।

नारायणपुर जिले में 8 नक्सलियों ने किया सरेंडर

नारायणपुर जिले में 30 लाख रुपये के इनामी आठ नक्सलियों ने भी सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया। इनमें सुखलाल जुर्री (33), हुर्रा उर्फ हिमांशू मिड़ियाम (25), कमला गोटा (32), राजू पोडियाम उर्फ सुनील पोडियाम (33), दीपा पुनेम, मनीराम कोर्रम (20), सुक्कू फरसा उर्फ नागेश (18) और रामू राम पोयाम (23) शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जुर्री और हुर्रा पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था। अन्य नक्सलियों पर 1-5 लाख रुपये के इनाम थे। अब तक इस वर्ष नारायणपुर जिले में 148 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

मुख्यधारा में लौटे 390 से अधिक माओवादी

भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर पिछले 18 महीनों में दंतेवाड़ा जिले में 99 इनामी माओवादी समेत कुल 390 से अधिक माओवादी हिंसा छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटे हैं।

दंतेवाड़ा और सीमावर्ती जिलों बस्तर, बीजापुर और नारायणपुर में अब तक 1,042 माओवादी आत्मसमर्पित हो चुके हैं, जिनमें 837 पुरुष और 205 महिला माओवादी शामिल हैं।

नक्सलियों के लिए मदद और सुविधाएं

आत्मसमर्पित नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस पहल से न केवल नक्सलियों का पुनर्वास होगा, बल्कि बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में भी मदद मिलेगी।

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