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BWF Super 100: श्रेयांशी वालीशेट्टी ने जीता पहला खिताब, हरिहरन-अर्जुन जोड़ी ने भी किया कमाल

BWF Super 100: श्रेयांशी वालीशेट्टी ने जीता पहला खिताब, हरिहरन-अर्जुन जोड़ी ने भी किया कमाल

बहरीन के अल ऐन में आयोजित बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 टूर्नामेंट में भारत की युवा बैडमिंटन स्टार श्रेयांशी वालीशेट्टी ने इतिहास रच दिया है। 18 वर्षीय तेलंगाना की खिलाड़ी ने अपने पहले ही बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब को जीतकर देश का नाम रौशन किया है। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत की उभरती हुई बैडमिंटन खिलाड़ी श्रेयांशी वालीशेट्टी ने रविवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने अल ऐन मास्टर्स 2025 के रोमांचक फाइनल मुकाबले में हमवतन तस्नीम मीर को हराकर महिला एकल वर्ग में अपना पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब अपने नाम किया। तेलंगाना की 18 वर्षीय श्रेयांशी, जो पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग लेती हैं, ने एक गेम से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और धैर्य व जज्बे का बेहतरीन प्रदर्शन किया। लगभग 49 मिनट तक चले इस मुकाबले में उन्होंने 15-21, 22-20, 21-7 से जीत दर्ज की।

पहली बार बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 का खिताब जीतने का गौरव

रविवार को हुए फाइनल मुकाबले में, श्रेयांशी ने अपने हमवतन तस्नीम मीर को तीन गेम में कड़ा मुकाबला देते हुए हराया। यह मुकाबला करीब 49 मिनट तक चला, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया। पहले गेम में श्रेयांशी ने शुरुआत में ही कुछ गलतियों के कारण 15-21 से हार का सामना किया, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी रणनीति बदली और दूसरे गेम में जबरदस्त संघर्ष के बाद 22-20 से जीत हासिल की। तीसरे और निर्णायक गेम में, उन्होंने अपने आत्मविश्वास और संयम का परिचय देते हुए 21-7 से जीत दर्ज की।  

श्रेयानशी ने अपने शानदार प्रदर्शन के पीछे अपने अनुभव और प्रशिक्षण को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "मैं नर्वस नहीं थी, लेकिन मैच से पहले बहुत अधिक उत्साहित होने से गलतियां हो जाती हैं। आज का मैच मेरे लिए बहुत ही खास था, क्योंकि मैं इस साल कई फाइनल हार चुकी थी। मैंने शांत रहने की कोशिश की और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया।

बैडमिंटन में करियर की शुरुआत 

2013 से गोपीचंद अकादमी में प्रशिक्षण ले रही श्रेयांशी ने कहा कि वहाँ पर उन्हें पीवी सिंधू जैसी सीनियर खिलाड़ियों को खेलते हुए देखकर बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने अपने लक्ष्य के बारे में बात करते हुए कहा, "मेरा उद्देश्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना है और देश का नाम विश्व स्तर पर ऊँचा उठाना है। इस टूर्नामेंट में भारत का दबदबा सिर्फ महिला सिंगल्स तक ही सीमित नहीं रहा। पुरुष युगल खिताब भी भारत ने अपने नाम किया। हरिहरन अम्साकरुनन और एमआर अर्जुन की जोड़ी ने 35 मिनट के मुकाबले में इंडोनेशिया के रेमंड इंद्र और निकोलस जोआक्विन को 21-17, 21-18 से हराया।  

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