आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जा रहा मुकाबला एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया। पाकिस्तान की ओपनिंग बल्लेबाज मुनीबा अली के रन आउट फैसले ने मैदान और सोशल मीडिया दोनों पर हलचल मचा दी।
स्पोर्ट्स न्यूज़: आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए हाई-वोल्टेज मुकाबले में उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब पाकिस्तानी टीम की ओपनर मुनीबा अली को तीसरे अंपायर ने रन आउट करार दिया। यह फैसला मैदान पर मौजूद खिलाड़ियों और फैंस दोनों के बीच चर्चा का विषय बन गया। खास बात यह रही कि पाकिस्तानी कप्तान फातिमा सना इस निर्णय से बेहद नाराज़ दिखीं और बाउंड्री लाइन पर खड़े होकर चौथे अंपायर से इस फैसले का विरोध भी करती नज़र आईं।
यह घटना कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में हुई, जहां भारत और पाकिस्तान की महिला टीमों के बीच यह ग्रुप-स्टेज का रोमांचक मुकाबला खेला गया। हालांकि मैच के दौरान यह रन आउट फैसला सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और कई लोगों ने सवाल उठाए कि आखिर तीसरे अंपायर का निर्णय MCC (Marylebone Cricket Club) के नियमों के अनुसार सही था या नहीं।
क्या हुआ मैदान पर?
पाकिस्तानी पारी के चौथे ओवर की आखिरी गेंद थी, जिसे भारतीय गेंदबाज क्रांति गौड़ ने फेंका। गेंद मुनीबा अली के पैड पर लगी और सीधा स्लिप की ओर चली गई। इस दौरान क्रांति गौड़ ने एलबीडब्ल्यू के लिए अपील की। लेकिन दूसरी ओर फील्डिंग कर रहीं दीप्ति शर्मा ने सतर्कता दिखाते हुए गेंद को तेजी से उठाया और स्टंप्स की ओर थ्रो कर दिया।
वीडियो रिप्ले में दिखा कि मुनीबा अली ने पहले अपना बल्ला पॉपिंग क्रीज के अंदर रखा था, लेकिन जैसे ही गेंद विकेट से टकराई, उन्होंने बैट को उठा लिया था और उनका कोई हिस्सा क्रीज के पीछे ग्राउंडेड नहीं था। यही वजह रही कि तीसरे अंपायर ने उन्हें रन आउट घोषित कर दिया। पाकिस्तानी टीम को लगा कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है और बल्लेबाज को लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन एमसीसी के नियमों के अनुसार यह फैसला पूरी तरह से सही था।
एमसीसी के नियमों के अनुसार क्या है “आउट ऑफ ग्राउंड”?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था Marylebone Cricket Club (MCC) के मुताबिक रन आउट से जुड़े नियम स्पष्ट हैं।
1. नियम 30.1 — बल्लेबाज “ग्राउंड से बाहर” कब माना जाएगा?
एमसीसी के नियम 30.1 के अनुसार, यदि बल्लेबाज का शरीर या बल्ले का कोई भी हिस्सा उस छोर की पॉपिंग क्रीज के पीछे ग्राउंडेड (यानी ज़मीन से जुड़ा हुआ) नहीं है, तो उसे “आउट ऑफ ग्राउंड” माना जाएगा। दूसरे शब्दों में, यदि बल्लेबाज का बल्ला या पैर क्रीज के पीछे ज़मीन को नहीं छू रहा है और उसी वक्त विकेट गिरा दी जाती है, तो वह बल्लेबाज आउट करार दिया जा सकता है।
2. नियम 30.2 — अपवाद की स्थिति (Running or Diving)
नियम 30.2 में यह भी उल्लेख है कि यदि बल्लेबाज दौड़ते या डाइव लगाते समय क्रीज पार कर रहा हो और पहले से ग्राउंडेड स्थिति में हो और उस प्रक्रिया में बल्ला या शरीर का संपर्क कुछ पल के लिए टूट जाए तो उसे “आउट ऑफ ग्राउंड” नहीं माना जाएगा। लेकिन अगर बल्लेबाज खड़ा है और न तो दौड़ रहा है, न डाइव कर रहा है, तो यह छूट लागू नहीं होती। यही स्थिति मुनीबा अली के साथ देखने को मिली वे उस वक्त स्थिर थीं और उनका बल्ला क्रीज के अंदर ज़मीन को नहीं छू रहा था।
दीप्ति शर्मा ने मैदान पर अपनी सूझबूझ का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने देखा कि मुनीबा अली ने गेंद के संपर्क में आने के बाद बैट को हवा में उठा लिया है, जबकि गेंद अभी भी “प्ले” में थी। उन्होंने तुरंत निशाना साधकर थ्रो मारा और स्टंप्स उड़ा दिए।
तीसरे अंपायर ने रिप्ले देखने के बाद पाया कि जब गिल्लियां गिरीं, उस समय मुनीबा का बल्ला क्रीज के अंदर नहीं था — यानी नियमों के अनुसार वह “ग्राउंड से बाहर” थीं।