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पादरी से क्रिकेट स्टार! जानिए कौन है श्रीलंका का खतरनाक तेज गेंदबाज चामिंडा वास

पादरी से क्रिकेट स्टार! जानिए कौन है श्रीलंका का खतरनाक तेज गेंदबाज चामिंडा वास

चामिंडा वास बचपन में पादरी बनना चाहते थे, लेकिन खेल-कूद ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में खड़ा कर दिया। उन्होंने वनडे और टेस्ट में कई रिकॉर्ड बनाए और श्रीलंका के लिए विदेशी मैदानों पर जीत दिलाई।

Sports News: हर इंसान बचपन में अपने भविष्य के लिए सपने देखता है। कुछ डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, कुछ इंजीनियर या टीचर बनने की ख्वाहिश रखते हैं। लेकिन श्रीलंका के इस तेज गेंदबाज ने बचपन में पादरी बनने का सपना देखा और उसी दिशा में अपनी शिक्षा-दीक्षा शुरू की। किस्मत ने उसकी राह में एक अनोखा मोड़ लाया, जिसने उसे क्रिकेट की दुनिया में महान बना दिया।

बचपन से पादरी बनने की ओर

चामिंडा वास का बचपन धार्मिक प्रवृत्ति और अनुशासन में व्यतीत हुआ। 12-13 साल की उम्र तक वह पादरी बनने की दिशा में प्रशिक्षण ले रहे थे। लेकिन एक दिन खेल-कूद के दौरान उनकी किस्मत ने करवट ली। जब वे बच्चों के साथ समय बिता रहे थे, तो अचानक गेंद उनके हाथ लगी। उसी मौके पर उनकी प्रतिभा ने बाहर आना शुरू किया और एक ऐसा करियर शुरू हुआ जिसे दुनिया ने नहीं भूला।

क्रिकेट में प्रवेश और प्रारंभिक संघर्ष

श्रीलंका के इस युवा तेज गेंदबाज ने स्कूल और जूनियर क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी गेंदबाजी में स्पीड, स्विंग और सटीकता इतनी थी कि जल्द ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर की टीम में बुलाया गया। शुरुआत में चुनौतियां और कठिनाईयां आईं, लेकिन उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें आगे बढ़ाया।

वनडे में रिकॉर्ड: 8 विकेट का कीर्तिमान

चामिंडा वास ने वनडे क्रिकेट में अपने करियर में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे 24 साल बाद भी कोई नहीं तोड़ पाया। साल 2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने 8 विकेट लिए। यह वनडे में एक मैच में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड है। मोहम्मद सिराज जैसे तेज गेंदबाज इससे नजदीक तो पहुंचे, लेकिन इसे पार नहीं कर पाए।

वास के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 322 मैच खेले और 400 विकेट अपने नाम किए। उनकी गेंदबाजी ने श्रीलंका को कई मुश्किल मैचों में जीत दिलाई और उन्हें टीम का अहम हिस्सा बनाया।

टेस्ट करियर में सफलता और प्रदर्शन

टेस्ट क्रिकेट में चामिंडा वास का प्रदर्शन भी शानदार रहा। उन्होंने 111 टेस्ट मैचों में 355 विकेट लिए। साथ ही उनके बल्ले से एक शतक और 13 अर्धशतक भी आए। डेढ़ दशक से अधिक समय बीतने के बावजूद श्रीलंका को उनके जैसे तेज गेंदबाज का रिप्लेसमेंट नहीं मिल पाया। उनके जैसी गति, सटीकता और दबाव में खेलने की क्षमता किसी नए गेंदबाज में देखी नहीं गई।

विदेशी धरती पर श्रीलंका की पहली जीत का हीरो

1981 में जब ICC ने श्रीलंका को टेस्ट प्लेइंग नेशन का दर्जा दिया, तब टीम ने घरेलू मैदान पर जीत दर्ज की, लेकिन विदेशी धरती पर जीत का स्वाद नहीं चखा। साल 1995 में न्यूजीलैंड दौरे पर 21 साल के युवा चामिंडा वास ने यह कमाल किया। नेपियर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में उन्होंने दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लिए। उनके प्रदर्शन की बदौलत कीवी टीम 241 रनों से हार गई और श्रीलंका ने विदेशी मैदान पर पहली जीत दर्ज की।

पादरी बनते-बनते क्रिकेट जगत में चमक

चामिंडा वास का जीवन एक प्रेरणा है। पादरी बनने का सपना देखते हुए वह किस्मत के खेल से दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज बन गए। उनकी तेज गेंदबाजी, स्विंग और दबाव में शांत रहने की क्षमता ने उन्हें श्रीलंका क्रिकेट का अभूतपूर्व खिलाड़ी बना दिया। विदेशी और घरेलू दोनों स्तरों पर उनकी प्रदर्शन क्षमता ने उन्हें महान क्रिकेटरों की सूची में शामिल किया।

रिकॉर्ड और विरासत

चामिंडा वास के नाम अब भी वनडे में एक मैच में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने वनडे और टेस्ट दोनों में अपने समय में विपक्षी टीमों के लिए डर का माहौल बनाया। उनके करियर ने श्रीलंका क्रिकेट को नई पहचान दी और आने वाली पीढ़ियों के गेंदबाजों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना।

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