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Census 2027: 16 साल बाद देश को मिलेंगे जनसंख्या आंकड़े, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

Census 2027: 16 साल बाद देश को मिलेंगे जनसंख्या आंकड़े, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

देश में लंबे समय से टल रही जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान हो गया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भारत की अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराई जाएगी।

नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद भारत की अगली जनगणना की तारीख तय हो गई है। गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जनगणना 2027 में कराई जाएगी। यह अधिसूचना केवल एक तकनीकी घोषणा नहीं, बल्कि देश के सामाजिक, आर्थिक और जातीय ढांचे को समझने की दिशा में एक नई शुरुआत है।

2011 के बाद 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोरोना महामारी के चलते स्थगित कर दी गई थी। अब लगभग 16 साल बाद भारत फिर से अपनी जनसंख्या का आधिकारिक आकलन करेगा, जो नीति निर्धारण, संसाधन आवंटन और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।

1 मार्च 2027 बनेगी आधार तिथि

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात को संदर्भ तिथि (Reference Date) के रूप में माना जाएगा। इस तिथि तक जितने भी लोग भारत में मौजूद होंगे और जो परिस्थितियां होंगी, वे ही जनगणना में दर्ज की जाएंगी। हालांकि, ठंडे और दुर्गम क्षेत्रों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख के कुछ हिस्सों में यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 निर्धारित की गई है। इन क्षेत्रों में प्राकृतिक परिस्थितियों और मौसम संबंधी दिक्कतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

दो चरणों में पूरी होगी जनगणना

जनगणना की पूरी प्रक्रिया दो प्रमुख चरणों में संपन्न होगी:

  • हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (House Listing Operation): इस चरण में हर घर और उसमें उपलब्ध सुविधाओं व संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
    यह चरण यह जानकारी देगा कि घर पक्का है या कच्चा, पानी-बिजली की स्थिति क्या है, शौचालय की उपलब्धता है या नहीं आदि।
  • जनसंख्या गणना (Population Enumeration): इस चरण में हर व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक, जातीय, शैक्षणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी ली जाएगी। नाम, उम्र, लिंग, भाषा, धर्म, जाति, शिक्षा स्तर, रोजगार की स्थिति, विकलांगता की स्थिति, विवाहिक स्थिति जैसे डेटा इस चरण में एकत्र किए जाएंगे।

21 महीनों में पूरी होगी प्रक्रिया

  • गृह मंत्रालय के मुताबिक, जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी कर ली जाएगी।
  • प्राथमिक आंकड़े मार्च 2027 में जारी हो जाएंगे।
  • जबकि विस्तृत डेटा (जिसमें जातीय, सामाजिक-आर्थिक आदि विवरण शामिल होंगे) वर्ष 2027 के अंत तक प्रकाशित किए जाने की योजना है।

जातीय जनगणना पर भी नज़र

इस बार जनगणना के साथ जातीय आंकड़ों को दर्ज करने पर भी विशेष जोर रहेगा। सामाजिक न्याय की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे विभिन्न जातियों और वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लग सकेगा। जातीय जनगणना को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी, विशेषकर पिछड़े वर्गों और सामाजिक संगठन इसके पक्ष में थे। माना जा रहा है कि इससे आरक्षण, नीति निर्धारण और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण में मदद मिलेगी।

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