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गाजा में शांति स्थापना! पीएम मोदी ने पहले चरण पर सहमति का किया समर्थन

गाजा में शांति स्थापना! पीएम मोदी ने पहले चरण पर सहमति का किया समर्थन

प्रधानमंत्री मोदी ने गाजा शांति समझौते का स्वागत किया। ट्रंप की मध्यस्थता में इजरायल और हमास ने पहले चरण पर सहमति दी। बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता बढ़ाने के कदम उठाए जाएंगे।

Ceasefire: गाजा में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच शांति समझौते के पहले चरण पर सहमति बनी है। इस समझौते का उद्देश्य गाजा में बंधकों की रिहाई, मानवीय सहायता बढ़ाना और क्षेत्र में स्थायी शांति (ceasefire) स्थापित करना है। प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता और मानवता के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस शांति समझौते से गाजा में बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता (humanitarian aid) में वृद्धि होगी। उन्होंने इसे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के सशक्त नेतृत्व का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पक्षों से अपील की कि वे निष्पक्ष रवैया अपनाएँ और शांति प्रक्रिया में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि भारत इस प्रयास का समर्थन करेगा और प्रभावित लोगों तक सहायता पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजरायल और हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति योजना के पहले चरण पर सहमति दी है। उन्होंने इस प्रक्रिया में कतर, मिस्र और तुर्की के योगदान की सराहना की। ट्रंप ने बताया कि यह समझौता अरब और मुस्लिम जगत, इजरायल, आसपास के देशों और अमेरिका के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। उन्होंने बंधकों की जल्द रिहाई का आश्वासन दिया और इजरायल के सैनिकों को निर्धारित सीमा तक वापस बुलाने की बात कही।

पहले चरण में लागू कदम

शांति समझौते के पहले चरण में कई महत्वपूर्ण उपाय शामिल हैं। पांच क्रॉसिंग (crossings) तुरंत खोलकर गाजा में मानवीय सहायता पहुँचाई जाएगी। इसके अलावा गाजा वापसी मानचित्र (Gaza return map) में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। इस चरण में 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा और इजरायल अपनी जेलों से फलस्तीनी कैदियों (Palestinian prisoners) को रिहा करेगा। यह प्रक्रिया लगभग 72 घंटे के भीतर पूरी की जाएगी और इसे शांति प्रक्रिया की सफलता का पहला परीक्षण माना जा रहा है।

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