छत्तीसगढ़ के बीजापुर में गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सोमवार से मुठभेड़ जारी है। इसमें दो DRG जवान घायल हुए हैं। नक्सलियों के भी घायल होने की संभावना जताई गई है।
बीजापुर, छत्तीसगढ़: बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सोमवार से शुरू हुई मुठभेड़ मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के दो जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने आशंका जताई है कि इस अभियान में कई नक्सली भी घायल हुए हैं।
नक्सल विरोधी अभियान की पृष्ठभूमि
गंगालूर थाना क्षेत्र नक्सल गतिविधियों के लिए लंबे समय से संवेदनशील इलाकों में शामिल है। 11 अगस्त को DRG की एक टीम को विशेष नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य इलाके में सक्रिय माओवादियों की गतिविधियों पर रोक लगाना और सुरक्षा बहाल करना था।
मुठभेड़ की शुरुआत और घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार, मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों के इलाके में पहुंचते ही माओवादियों ने अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले का जवाब सुरक्षाबलों ने भी दिया, जिसके बाद कई घंटों तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। अभियान स्थल घने जंगल और पहाड़ी इलाका है, जिससे ऑपरेशन की गति प्रभावित हुई।
घायल जवानों की हालत स्थिर
मुठभेड़ के दौरान DRG के दो जवानों को गोलीबारी में चोटें आईं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों जवान खतरे से बाहर हैं। उन्हें गंगालूर में प्राथमिक उपचार देने के बाद बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया है।
नक्सलियों के भी घायल होने की आशंका
अधिकारियों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को भी नुकसान हुआ है। हालांकि, घने जंगल और कठिन भूभाग के कारण फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। संभावना जताई जा रही है कि घायल नक्सली अपने साथियों की मदद से जंगल के भीतर छिप गए हैं।
ऑपरेशन जारी, सुरक्षा बलों का पल-पल का अपडेट
पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम अभी भी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। इलाके की नाकाबंदी कर दी गई है और ड्रोन व अन्य तकनीकी साधनों से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान
बस्तर संभाग के अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में भी हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने कई सफल अभियान चलाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बीजापुर जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि नक्सली अब भी जंगल क्षेत्रों में सक्रिय हैं, लेकिन सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ता जा रहा है।