दांतों में कैविटी या सड़न आम समस्या है, जो दांत की इनेमल परत में छेद बनाकर दर्द, सेंसिटिविटी और मसूड़ों की सूजन पैदा कर सकती है। मुख्य कारण खराब माउथ हाइजीन और अधिक शुगर युक्त भोजन हैं। समय पर डेंटिस्ट से इलाज जरूरी है। ब्रश, माउथवॉश, संतुलित आहार और नियमित चेकअप से इससे बचाव संभव है।
Teeth Cavities: दांतों में कैविटी एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है। यशोदा अस्पताल के डॉ. अनमोल कुमार के अनुसार, कैविटी के शुरुआती लक्षण हल्के दर्द, सेंसिटिविटी, मसूड़ों में सूजन और दांतों का पीला या काला पड़ना हो सकते हैं। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह दांतों की भीतरी परतों तक पहुंचकर दर्द, संक्रमण और दांत गिरने का कारण बन सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें, माउथवॉश का इस्तेमाल करें, मीठे भोजन को सीमित करें और नियमित डेंटिस्ट चेकअप कराएं।
कैविटी क्यों होती है?
दांतों में कैविटी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण दांतों की सफाई में लापरवाही और अधिक शुगर युक्त भोजन है। जब हम खाने के बाद दांतों को ठीक से साफ नहीं करते हैं, तो खाने के छोटे-छोटे टुकड़े और बैक्टीरिया दांतों पर जमा हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया एसिड बनाते हैं, जो दांत की इनेमल परत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाकर छेद बना देते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती अवस्था में कैविटी अक्सर हल्की होती है, लेकिन समय के साथ यह बढ़ सकती है और गंभीर रूप ले सकती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो दांत में दर्द, सेंसिटिविटी, मसूड़ों की सूजन और अंततः दांत खोने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दांतों में कैविटी के लक्षण
यशोदा अस्पताल के डेंटल विभाग के डॉ. अनमोल कुमार बताते हैं कि दांतों में कैविटी के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- खाने या पीने के समय दांत में हल्का दर्द या झनझनाहट।
- ठंडा या गरम खाने-पीने पर सेंसिटिविटी।
- मसूड़ों में हल्की सूजन या लालिमा।
- दांत का रंग पीला या काला पड़ना।
- गंभीर मामलों में दांत में छेद या टूट-फूट।
डॉक्टर के अनुसार, कई बार कैविटी बिना किसी दर्द के भी बढ़ सकती है। इसलिए केवल दर्द पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है।
डॉक्टर से कब दिखाएं
डेंटिस्ट से संपर्क करना तब जरूरी है जब:
- दांत में लगातार दर्द या सेंसिटिविटी हो।
- मसूड़े लाल, सूजे हुए या दर्द करने लगे।
- दांत में छेद दिखाई दे या दांत ढीले या टूटने लगें।
कैविटी अपने आप ठीक नहीं होती और समय पर इलाज न करने पर दांत पूरी तरह खराब हो सकते हैं। डेंटिस्ट कैविटी को भरकर या अन्य उपचारों के माध्यम से ठीक कर सकते हैं।
दांतों की देखभाल कैसे करें
दांतों की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ साधारण उपाय अपनाए जा सकते हैं।
- दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें और माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
- मीठे और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाने की चीजों का सेवन सीमित करें।
- समय-समय पर डेंटिस्ट से चेकअप कराएं।
- फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें, जिससे दांत मजबूत बने।
- दांतों में दर्द, सेंसिटिविटी या मसूड़ों में सूजन होने पर तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें।
बच्चों और बड़ों दोनों को खतरा
कैविटी केवल बच्चों की समस्या नहीं है, बल्कि हर उम्र के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। बच्चों में दूध के दांतों में कैविटी जल्दी विकसित हो सकती है, जबकि वयस्कों में यह पुरानी दांतों की कमजोरी और सफाई न करने के कारण बढ़ती है।
कैविटी के गंभीर परिणाम
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो कैविटी दांत की भीतरी परत तक पहुंच सकती है और पल्प इन्फेक्शन का कारण बन सकती है। यह दांत में दर्द, खाने-पीने में परेशानी और मसूड़ों में सूजन पैदा कर सकती है। गंभीर मामलों में दांत पूरी तरह खराब हो सकते हैं और उसे निकालना पड़ सकता है।