देहरादून के सहस्त्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई। 10 लोगों की मौत और कई लापता हैं। पीएम मोदी और अमित शाह ने सीएम धामी से बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया।
Dehradun Cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना हुई। भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालातों ने इलाके में तबाही मचा दी। कई दुकानें और घर पानी के तेज़ बहाव में बह गए। प्रशासन के अनुसार अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
नदियाँ उफान पर हैं और कई सड़कें व पुल टूट गए हैं जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। भारी नुकसान के बीच स्थानीय प्रशासन, पुलिस, NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
पीएम मोदी और अमित शाह ने की सीएम धामी से बात
देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में हालात बिगड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने घटना की पूरी जानकारी ली और राज्य को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में उत्तराखंड के साथ मजबूती से खड़ी है। वहीं अमित शाह ने भी आश्वासन दिया कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य सरकार और प्रशासन राहत कार्य और तेज़ी से कर पाएंगे।
सीएम धामी ने खुद देहरादून के बारिश प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित परिवार को परेशानी न हो। उन्हें तुरंत राहत सामग्री, सुरक्षित आश्रय, भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर, युद्धस्तर पर चल रहा रेस्क्यू
उत्तराखंड प्रशासन ने दावा किया है कि वह पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिला प्रशासन, पुलिस, NDRF और SDRF की टीमों को पहले ही प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्य में किसी तरह की देरी न हो।
स्थानीय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया
भारी बारिश और बादल फटने के बाद सबसे बड़ी चुनौती स्थानीय लोगों की सुरक्षा थी। जिला प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। कई परिवारों को अस्थायी शिविरों में रखा गया है जहां उन्हें भोजन, पानी और मेडिकल सुविधाएं दी जा रही हैं।
हालांकि, कई ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचने में दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि सड़कें और पुल बह गए हैं। बावजूद इसके प्रशासन हेलीकॉप्टर और बोट के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
भारी नुकसान, दुकानों और घरों का ढांचा ध्वस्त
सहस्त्रधारा और मालदेवता इलाकों में कई दुकानें, घर और वाहन तेज़ पानी के बहाव में बह गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी इतनी तबाही नहीं देखी थी। व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि दुकानों में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। वहीं ग्रामीण इलाकों में खेतीबाड़ी और पशुपालन पर भी गहरा असर पड़ा है।