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दिल्ली से खाटूश्यामजी-सालासर हेलीकॉप्टर सेवा पर ब्रेक! जानें क्या है वजह

दिल्ली से खाटूश्यामजी-सालासर हेलीकॉप्टर सेवा पर ब्रेक! जानें क्या है वजह

दिल्ली से खाटूश्यामजी-सालासर बालाजी मंदिरों के लिए शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा पहले ही दिन रुकी। प्रशासनिक नियम और अनुमति की कमी के कारण निजी कंपनी की वीआईपी उड़ान अब फिलहाल बंद है।

सीकर: राजस्थान के शेखावाटी अंचल में स्थित खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी मंदिरों में दिल्ली से निजी कंपनी द्वारा शुरू की गई हेलीकॉप्टर सेवा अब ठप हो गई है। सेवा की शुरुआत 23 अगस्त को हुई थी, जब मशहूर कवि कुमार विश्वास अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ पहले यात्री बने। हालांकि, प्रशासनिक नियम-कायदों और अनुमति की जटिलताओं के कारण यह सेवा अब जारी नहीं रह पाई।

दिल्ली से हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत

23 अगस्त को दिल्ली से उड़ान भरने वाली इस हेलीकॉप्टर सेवा ने पहली बार श्रद्धालुओं को एक ही दिन में खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी मंदिर के दर्शन करवाए। निजी कंपनी ने सेवा को हाई-फाई और वीआईपी अनुभव वाला बताया। पहला यात्री मशहूर कवि कुमार विश्वास बने, जो पत्नी और परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंचे। हेलीकॉप्टर सेवा के दौरान भक्तों में उत्साह और चर्चा का माहौल रहा।

पहली उड़ान की सफलता के बाद सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हुई। श्रद्धालुओं और मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे एक नई सुविधाजनक और लक्ज़री यात्रा के रूप में देखा। हालांकि, यह सेवा सिर्फ एक दिन के लिए ही प्रशासनिक अनुमति मिलने के कारण लंबी अवधि तक नहीं चल पाई।

प्रशासनिक नियमों ने हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक लगाई

सीकर जिला प्रशासन ने केवल एक दिन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की अनुमति दी। वहीं, सालासर बालाजी मंदिर के लिए चूरू जिला प्रशासन ने कोई भी अनुमति जारी नहीं की। ऐसे में सेवा को लगातार चलाना असंभव हो गया। अधिकारियों के अनुसार, स्थायी हेलीपैड की कमी और एयर टैक्सी सेवाओं के लिए स्पष्ट गाइडलाइन न होने के कारण कंपनी आगे की उड़ान नहीं भर सकी।

जानकार सूत्रों ने बताया कि खाटूश्यामजी और सालासर जैसे भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा सीमित और वीआईपी प्रोटोकॉल से बंधी हुई है। केवल सरकारी प्रोटोकॉल वाले यात्रियों को ही इस तरह की सुविधा मिल सकती है, जबकि आम श्रद्धालु इसका लाभ नहीं उठा सकते।

कंपनी मौसम को जिम्मेदार बताती है

निजी कंपनी ने मीडिया को बताया कि सेवा खराब मौसम के कारण रोक दी गई है और जल्द ही फिर से उड़ान भरेगी। लेकिन स्थानीय सूत्र और प्रशासनिक जानकार कहते हैं कि असली कारण सरकारी नियम और अनुमति की कमी है। एयर टैक्सी सेवा के लिए जिला स्तर पर कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, जिससे फाइलें वर्षों तक अटकी रह सकती हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हेलीकॉप्टर सेवा की शुरूआत तो आकर्षक थी, लेकिन इसे नियमित रूप से चलाना कठिन था। खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी मंदिर जैसे भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर स्थायी हेलीपैड न होने के कारण सुरक्षा और प्रशासनिक चिंताएं बनी रही।

95 हजार रुपये किराया और पहली उड़ान पर चर्चा 

निजी कंपनी ने दिल्ली-खाटूश्यामजी-सालासर-खाटूश्यामजी-दिल्ली यात्रा के लिए लगभग 95,000 रुपये का किराया तय किया था। सेवा का उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक ही दिन में दोनों मंदिरों के दर्शन और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना था। पहली उड़ान सोशल मीडिया पर वायरल हुई और इसने चर्चाओं का केंद्र बन गई।

हालांकि, इसके तुरंत बाद ही प्रशासनिक बाधाओं के कारण बुकिंग बंद कर दी गई। श्रद्धालु और पर्यटन उद्योग दोनों के लिए यह एक चुनौती बन गया कि कैसे सुरक्षित और नियमों के अनुसार हेलीकॉप्टर सेवा को नियमित किया जाए।

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