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धनबाद: 15 दिन से बिजली संकट, गुस्साए ग्रामीणों ने BCCL कार्यालय में किया प्रदर्शन

धनबाद: 15 दिन से बिजली संकट, गुस्साए ग्रामीणों ने BCCL कार्यालय में किया प्रदर्शन

धनबाद के झरिया बस्ताकोला कोलियरी में 15 दिन से बिजली नहीं होने से ग्रामीण नाराज हैं। विरोध स्वरूप लोगों ने BCCL कार्यालय में तालाबंदी की और ट्रांसफार्मर न बदलने पर कोयला परियोजना ठप करने की चेतावनी दी।

धनबाद: जिले के झरिया क्षेत्र की बस्ताकोला कोलियरी पिछले 15 दिनों से अंधेरे में डूबी हुई है। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित होने से करीब 20,000 लोग परेशान हैं। 15 दिन पहले ट्रांसफार्मर जल जाने के बावजूद बीसीसीएल प्रबंधन ने इसे दुरुस्त कराने की कोई पहल नहीं की, जिससे स्थानीय जनता में गुस्सा बढ़ गया है और उन्होंने बीसीसीएल कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

ट्रांसफार्मर जलने के बाद बढ़ा संकट

पिछले दो सप्ताह से बस्ताकोला कोलियरी के आसपास के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 500 केवी का मुख्य ट्रांसफार्मर अचानक जल गया था, जिसके कारण पूरे इलाके में अंधेरा छा गया। दुर्गा पूजा जैसे धार्मिक अवसर पर भी बिजली न होने से लोग परेशान हैं।

स्थानीय व्यापारियों और घरों में रोजमर्रा के काम ठप हो गए हैं। लोगों ने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। इसके अलावा, मोबाइल चार्जिंग और खाने-पीने जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी लोग जद्दोजहद कर रहे हैं।

बिजली न मिलने पर ग्रामीणों ने बीसीसीएल घेरा

बिजली न होने के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने बीसीसीएल के बस्ताकोला कोलियरी कार्यालय का गेट जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने धरना शुरू किया और कार्यालय में तालाबंदी कर अपनी नाराजगी जताई। ग्रामीणों का आरोप है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने 15 दिन से ट्रांसफार्मर ठीक कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने एरिया इंजीनियर निर्मल दास के तबादले की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे और कड़ा विरोध करेंगे। ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी ने प्रशासन और प्रबंधन पर दबाव बढ़ा दिया है।

बिजली कटौती से जीवन अस्त-व्यस्त

बस्ताकोला के लोग बिजली संकट के कारण अपने रोजमर्रा के कामों में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। बिजली न होने से पानी की पंपिंग, घरों में खाना बनाना और शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि व्यापार पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है और लोग खरीदारी से डर रहे हैं।

इस संकट ने स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावित किया है। स्थानीय क्लिनिक और स्वास्थ्य केंद्र बिजली न होने के कारण सीमित सेवाएं दे पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी समाधान नहीं हुआ तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।

ग्रामीणों ने दी चेतावनी

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे कोयला परियोजना डिस्पैच को ठप कर देंगे। इस प्रदर्शन में जनता श्रमिक संघ के नेता दिनेश पासवान, कांग्रेस नेता महेंद्र पासवान और भाजपा नेता रामदेव शर्मा समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।

बीसीसीएल प्रबंधन ने जल्द ही समस्या का समाधान करने और दुर्गा पूजा से पहले बिजली बहाल करने का भरोसा दिलाया है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि भरोसे के बजाय तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे समस्या के समाधान तक अपने विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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