आज के समय में दिल की सेहत को नजरअंदाज करना, खुद को खतरे में डालने जैसा है। हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, तनाव, और खराब जीवनशैली जैसी कई वजहों से हृदय रोगों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। अब यह सिर्फ उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रही, बल्कि युवा भी बड़ी संख्या में दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
हाल ही में एक्ट्रेस शेफाली ज़रीवाला की हृदय संबंधी समस्या के चलते अचानक मृत्यु ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपनी दिल की सेहत को कितना गंभीरता से लेते हैं। अच्छी बात यह है कि कुछ बेहद सरल और व्यावहारिक आदतों को अपनाकर हम अपने हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
खाने के बाद 10 मिनट टहलना – छोटा कदम, बड़ा फ़ायदा
हममें से ज़्यादातर लोग खाने के बाद सीधे बैठने या लेटने की आदत रखते हैं। लेकिन यह आदत धीरे-धीरे दिल पर असर डालती है। हर भोजन के बाद सिर्फ़ 10 मिनट की धीमी चाल में टहलकदमी करना न केवल आपके पाचन को दुरुस्त करता है, बल्कि यह ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखता है।
कई शोधों में यह साबित हुआ है कि खाना खाने के बाद टहलने से इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ती है और यह मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करता है। टहलना एक ऐसा आसान उपाय है जिसे हर कोई, किसी भी उम्र में, अपने रुटीन में शामिल कर सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड – दिल का दोस्त
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को ‘हार्ट हेल्दी फैट्स’ कहा जाता है। ये ट्राइग्लिसराइड्स को घटाने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और सूजन कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ओमेगा-3 युक्त आहार लेने से हृदय रोगों का जोखिम घटता है।
आप ओमेगा-3 पाने के लिए अपनी डाइट में फिश (जैसे सैल्मन, टूना), अलसी के बीज, चिया सीड्स और अखरोट शामिल कर सकते हैं। यदि आप मछली नहीं खाते तो ओमेगा-3 के सप्लीमेंट भी उपयोग में लाए जा सकते हैं, लेकिन डॉक्टरी सलाह लेना ज़रूरी है।
7 से 8 घंटे की गहरी नींद – दिल को दें आराम
हममें से बहुत से लोग नींद की अहमियत को नजरअंदाज करते हैं। रात की अधूरी नींद या बार-बार नींद टूटना, दिल की बीमारियों को जन्म दे सकता है। नींद की कमी से शरीर में कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे हृदय पर दबाव पड़ता है।
प्रत्येक व्यक्ति को दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद ज़रूर लेनी चाहिए। अच्छी नींद से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है, दिल की धड़कन संतुलित रहती है और संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है।
प्लास्टिक से दूरी बनाएं – स्वस्थ हृदय के लिए ज़रूरी
प्लास्टिक के बर्तनों में खाना या पानी रखने से BPA और Phthalates जैसे हानिकारक रसायन भोजन में मिल सकते हैं। ये रसायन हार्मोन को असंतुलित करते हैं और हृदय सहित कई अन्य अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।
इसके बजाय स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें। यह एक छोटा-सा बदलाव है जो आपके शरीर में विषैले पदार्थों की मात्रा कम कर सकता है और लंबे समय तक हृदय को सुरक्षित रख सकता है।
लिपिड प्रोफाइल की नियमित जांच – जानिए दिल की सच्ची तस्वीर
अधिकांश लोग वजन और बीएमआई को देखकर अपनी सेहत का अंदाज़ा लगाते हैं, लेकिन हृदय की सही स्थिति जानने के लिए लिपिड प्रोफाइल जैसे टेस्ट ज़रूरी होते हैं।
इनमें मुख्यतः ये शामिल होते हैं:
- LDL कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल)
- HDL कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल)
- ट्राइग्लिसराइड्स
- CRP (C-Reactive Protein)
- फास्टिंग इंसुलिन और ब्लड शुगर
इन परीक्षणों से यह पता चल सकता है कि आपको हृदय रोग का कितना खतरा है। ये टेस्ट लक्षण दिखने से पहले ही किसी गंभीर स्थिति की चेतावनी दे सकते हैं।
दिल की देखभाल कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है। हर दिन किए गए छोटे-छोटे प्रयास आपके दिल को लंबे समय तक मजबूत और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। इन 5 आदतों को अपनाकर आप न सिर्फ़ हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे गंभीर खतरों से बच सकते हैं, बल्कि एक लंबा और बेहतर जीवन भी जी सकते हैं।