दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित ऐतिहासिक हुमायूं के मकबरे परिसर में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ। मस्जिद के पास बने एक कमरे की छत गिरने से 11 लोग मलबे में दब गए, जिनमें 6 की मौत हो गई और बाकी गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे की वजह राजधानी में जारी भारी बारिश को माना जा रहा है।
Delhi: राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित हुमायूं के मकबरे परिसर में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हुआ। मस्जिद के पास बने एक कमरे की छत अचानक गिर गई, जिससे 11 लोग मलबे में दब गए। रेस्क्यू टीमों ने सभी को बाहर निकाला, लेकिन 6 लोगों की मौत हो गई और अन्य घायल हैं। हादसे के समय दिल्ली में लगातार बारिश हो रही थी, जिसे इस घटना का कारण माना जा रहा है। फिलहाल इलाके को खाली करा दिया गया है और जांच जारी है।
छत गिरने से मचा हड़कंप
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित ऐतिहासिक हुमायूं के मकबरे परिसर में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। मस्जिद के पास बने एक कमरे की छत अचानक गिर गई, जिससे कई लोग मलबे के नीचे दब गए। अधिकारियों के मुताबिक, मौके पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और 11 लोगों को बाहर निकाला गया। इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि बाकी गंभीर रूप से घायल हैं।
घायलों को एम्स ट्रॉमा सेंटर, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और LJPN अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने के बाद कई लोगों ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
मौके पर रेस्क्यू टीमें तैनात
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। पूरे इलाके को सुरक्षा के लिहाज से खाली कराया गया और तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती सूचना में गुंबद गिरने की बात कही गई थी, लेकिन जांच में साफ हुआ कि मुख्य गुंबद पूरी तरह सुरक्षित है। हादसा मकबरे के भीतर मस्जिद के पास बने एक कमरे की छत गिरने से हुआ। राजधानी में लगातार हो रही बारिश को इस दुर्घटना की वजह माना जा रहा है।
ऐतिहासिक धरोहर पर फिर उठे सवाल
हुमायूं का मकबरा 1565 से 1572 के बीच उसकी पत्नी हाजी बेगम द्वारा बनवाया गया था। इसे मुगल स्थापत्य कला का पहला भव्य उदाहरण माना जाता है और ताजमहल जैसे कई स्मारकों की प्रेरणा भी इसी से ली गई थी। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनी यह धरोहर आज भी भारतीय इतिहास की शान है।
हाल के वर्षों में आगा खान ट्रस्ट और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इसका बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार किया है। फिलहाल मकबरा मजबूत स्थिति में है और मुख्य संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हादसा केवल मकबरे के परिसर में स्थित एक कमरे की छत गिरने से हुआ है, जिसने सुरक्षा और रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।