कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरटीआई कानून कमजोर करने और पारदर्शिता खत्म करने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने सूचना आयोगों की स्वतंत्रता बहाल करने, डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम की समीक्षा और व्हिसलब्लोअर कानून लागू करने की मांग की।
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर RTI कानून को कमजोर करने और पारदर्शिता खत्म करने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन और पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने कहा कि RTI कानून केवल एक कानून नहीं, बल्कि भारतीय नागरिकों के संवैधानिक और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 2019 में किए गए संशोधनों से सूचना आयोगों की स्वतंत्रता पर हमला किया और जनता को अपने अधिकार से वंचित किया। उन्होंने कहा कि कानून की आत्मा को कमजोर करने से लोकतंत्र की जड़ें हिल सकती हैं।
DPDP Act बना सूचना छुपाने का औजार
अनिल भारद्वाज ने बताया कि 2023 में लागू डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act) ने आरटीआई की पारदर्शिता पर असर डाला है। अब सरकार मतदाता सूची, सरकारी खर्च और जनहित से जुड़े दस्तावेज साझा करने में हिचकिचा रही है।
उन्होंने कहा कि पहले जहां सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 वर्ष तय था, अब यह अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इसका सीधा असर आयोगों की स्वायत्तता और कार्यपालिका पर राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने में पड़ रहा है।
सूचना आयोगों में रिक्त पद और लंबित अपीलें
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्रीय सूचना आयोग में 11 में से केवल दो आयुक्त कार्यरत हैं और मुख्य आयुक्त का पद भी खाली पड़ा है। जून 2024 तक देशभर में लगभग 4 लाख अपीलें लंबित हैं, जबकि केवल केंद्रीय आयोग में ही 23 हजार से अधिक मामले लंबित हैं।
इसके अलावा, उन्होंने व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट के लागू न होने पर भी सवाल उठाए। इससे सूचना देने वालों और भ्रष्टाचार उजागर करने वालों की सुरक्षा खतरे में है।
कांग्रेस ने RTI की स्वतंत्रता बहाल करने की मांग की
अनिल भारद्वाज ने केंद्र सरकार से 2019 के संशोधन रद्द करने, सूचना आयोगों की स्वतंत्रता बहाल करने, सभी रिक्त पद तुरंत भरने, डीपीडीपी अधिनियम की जनविरोधी धाराओं की समीक्षा करने और व्हिसलब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आयोगों में पत्रकारों, शिक्षाविदों और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आरटीआई कानून आधुनिक भारत का सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक सुधार है। इसे कमजोर करने से लोकतंत्र की जड़ें हिल जाएंगी। कांग्रेस हर नागरिक को यह अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है कि वह निडर होकर सवाल पूछ सके और जवाब पा सके।
आम आदमी पार्टी पर भी निशाना
अंत में अनिल भारद्वाज ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जन लोकपाल के नाम पर सत्ता में आई AAP ने भी जनता को धोखा दिया और अपने वादे पूरे नहीं किए। अब बीजेपी सरकार भी लोकपाल और पारदर्शिता के मुद्दों पर चुप्पी साधे बैठी है।
भारद्वाज ने चेतावनी दी कि अगर सरकार जनता के जानने के अधिकार की रक्षा नहीं करेगी तो लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरटीआई और पारदर्शिता की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।