दिल्ली अदालत ने ब्रिटेन में रहने वाले आर्म्स डीलर संजय भंडारी को FEO घोषित किया। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, कालेधन और विदेशी संपत्ति रखने के गंभीर आरोप हैं। ED जब्ती प्रक्रिया तेज करेगी।
Delhi: ब्रिटेन में रह रहे आर्म्स डीलर संजय भंडारी को दिल्ली की विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित कर दिया है। ईडी की याचिका पर सुनाया गया यह फैसला अब उनकी संपत्तियों को जब्त करने का रास्ता साफ करता है।
संजय भंडारी को FEO घोषित
दिल्ली स्थित एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर सुनवाई करते हुए ब्रिटेन में रह रहे आर्म्स डीलर और रक्षा सलाहकार संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (Fugitive Economic Offenders Act, 2018) के तहत 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' (FEO) घोषित कर दिया है।
यह अधिनियम उन आर्थिक अपराधियों के खिलाफ लागू होता है जो भारत में अपराध कर विदेश भाग जाते हैं और बार-बार बुलाने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होते। इस फैसले के बाद अब ED को उनकी भारत और विदेशों में स्थित संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल गया है।
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति के आरोप
संजय भंडारी पर मनी लॉन्ड्रिंग, काले धन की हेराफेरी और विदेशों में अवैध संपत्ति बनाने के गंभीर आरोप हैं। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि भंडारी ने रक्षा सौदों में कथित तौर पर दलाली के जरिए करोड़ों रुपये कमाए और उन पैसों को विदेशों में अघोषित संपत्ति में बदला। उनके खिलाफ आयकर विभाग, ईडी और सीबीआई ने विभिन्न चरणों में जांच की है। 2016 में आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी में उनके पास से कुछ गोपनीय रक्षा दस्तावेज और विदेशी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए थे।
लंदन में कानूनी रूप से रहना बना बचाव का आधार
सुनवाई के दौरान संजय भंडारी की ओर से दलील दी गई कि वे लंदन में कानूनी रूप से रह रहे हैं और ब्रिटेन की अदालत पहले ही भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को खारिज कर चुकी है। इसलिए उन्हें भारत के कानून के तहत भगोड़ा नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि आरोपी जानबूझकर भारतीय कानून से बचते आ रहे हैं और जांच एजेंसियों के समन का जवाब नहीं दे रहे हैं। इसके चलते उन्हें FEO घोषित करना उचित है।
रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ चुका है नाम
संजय भंडारी का नाम कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि वाड्रा और भंडारी के बीच लंदन स्थित एक संपत्ति की खरीद-फरोख्त में संबंध रहे हैं। हालांकि रॉबर्ट वाड्रा ने सभी आरोपों से इनकार किया है, लेकिन ED की चार्जशीट में भंडारी को इस मामले का अहम किरदार बताया गया है।
विदेशी हथियार कंपनियों से भी जुड़ाव
भंडारी का नाम कई विदेशी हथियार कंपनियों से भी जोड़ा गया है जो भारत सरकार से रक्षा सौदों के अनुबंध प्राप्त करने की होड़ में थीं। ईडी के मुताबिक, इन सौदों में बिचौलिए की भूमिका निभाते हुए भंडारी ने कथित रूप से बड़ी मात्रा में अवैध लेनदेन किए।
संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया होगी तेज
अदालत द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय अब संजय भंडारी की चल-अचल संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया तेज करेगा। ED अब न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में मौजूद उनकी संपत्तियों को भी चिन्हित कर जब्त कर सकता है। इसमें बैंक अकाउंट, प्रॉपर्टी, निवेश और अन्य आर्थिक संसाधन शामिल हो सकते हैं।