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दिल्ली में उद्योगों को बड़ी राहत, फैक्ट्रियों को अब MCD से अलग लाइसेंस की जरूरत नहीं

दिल्ली में उद्योगों को बड़ी राहत, फैक्ट्रियों को अब MCD से अलग लाइसेंस की जरूरत नहीं

दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों को एक बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार, 29 जुलाई को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि अब राष्ट्रीय राजधानी में मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित फैक्ट्रियों को संचालन के लिए एमसीडी (MCD) से अलग कोई अतिरिक्त लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा दिल्ली सरकार या दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (DSIIDC) द्वारा मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों में लागू होगी।

इस निर्णय को 'Ease of Living' और 'Ease of Doing Business' को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव दिल्ली की औद्योगिक नीतियों को और अधिक व्यवसाय अनुकूल बनाएगा और छोटे से लेकर बड़े उद्योगों को प्रशासनिक झंझटों से छुटकारा दिलाएगा।

MSME पंजीकरण और लीज़ डीड ही होंगे पर्याप्त

सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी फैक्ट्री के पास MSME उद्यम पंजीकरण, GNCTD या DSIIDC द्वारा जारी अलॉटमेंट लेटर या लीज़ डीड मौजूद है, तो वही दस्तावेज अब दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act) की धारा 416/417 के तहत वैध फैक्ट्री लाइसेंस के रूप में मान्य होंगे। इस कदम से औद्योगिक इकाइयों को बार-बार अलग लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा और कागजी प्रक्रियाओं में भी कटौती होगी।

पारदर्शिता और सुशासन की ओर बढ़ता कदम

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ प्रक्रियागत सरलता ही नहीं लाएगा, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि इस फैसले से दिल्ली का औद्योगिक क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा और एक सुविधा आधारित शासन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सरकार का मानना है कि इससे न केवल कारोबार करना आसान होगा, बल्कि निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा। यह पहल खासतौर पर उन उद्यमियों के लिए राहतभरी है जो लंबे समय से लाइसेंस प्रक्रिया को लेकर परेशान थे।

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