Columbus

दिल्ली: फर्जी पुलिस बनकर 1.75 करोड़ की साइबर ठगी, आरोपी की जमानत खारिज 

दिल्ली: फर्जी पुलिस बनकर 1.75 करोड़ की साइबर ठगी, आरोपी की जमानत खारिज 

दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर ठगी के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर 1.75 करोड़ रुपए ठगे। कोर्ट ने तकनीकी रूप से सुनियोजित अपराध होने की बात कही।

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर ठगी के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से साफ इंकार कर दिया। आरोपी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक व्यक्ति से 1 करोड़ 75 लाख रुपए ठग लिए। ठगी इतनी सुनियोजित थी कि आरोपी ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के दौरान सुप्रीम कोर्ट और CBI के फर्जी दस्तावेज दिखाए और पीड़ित को डराया।

कोर्ट ने कहा कि यह मामला डिजिटल अपराध और साइबर क्राइम के गंभीर उदाहरणों में से एक है। आरोपी ने तकनीक का इस्तेमाल करके भोले-भाले लोगों को फंसाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आज साइबर तकनीक अपराधियों के हाथों में एक शक्तिशाली हथियार बन चुकी है।

आरोपी ने तकनीक से मानसिक दबाव डाला

जस्टिस अमित महाजन ने कोर्ट में कहा कि आरोपी ने हाईटेक उपकरणों और डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल करके पीड़ित पर मानसिक दबाव डाला। कोर्ट ने यह भी बताया कि कॉल डेटा, डिजिटल सिम लोकेशन और फर्जी पहचान की जटिलता के कारण इससे बाहर निकलना आसान नहीं है।

कोर्ट ने जोर देकर कहा कि आरोपी के पास मौजूद सबूत यह साबित करते हैं कि वह पूरे अपराध में सक्रिय था। अगर जमानत दी जाती, तो जांच कमजोर हो सकती थी और आरोपियों को पकड़ने में कठिनाई आती।

आरोपी ने पुलिस बनकर पीड़ित को ठगा

जांच के अनुसार, यह ठगी 6 मई 2024 को हुई। आरोपी ने खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित को डराया। उसने कहा कि पीड़ित के आधार कार्ड से एक सिम खरीदी गई और इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।

वीडियो कॉल में आरोपी ने पुलिस वर्दी पहनकर पुलिस स्टेशन का सेटअप और फर्जी दस्तावेज दिखाए। डर और मानसिक दबाव के चलते पीड़ित ने अपने बैंक खाते से 1.75 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। यह घटना साइबर ठगी की जटिलता और सुनियोजित तरीके को उजागर करती है।

साइबर ठगी मामले में पुलिस जांच जारी

पीड़िता ने साइबर ठगी की शिकायत दिल्ली पुलिस साइबर सेल में दर्ज कराई। जांच में पता चला कि आरोपी ने कई वर्चुअल नंबर और डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल किया। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि डिजिटल माध्यम से चलाए जा रहे आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा है।

पुलिस आरोपी और उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी हुई है। जांच में फोरेंसिक डेटा, कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों की विस्तृत जाँच की जा रही है। आरोपी के गिरफ्तारी और सबूतों की पुष्टि के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Leave a comment