दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब G+5 और उससे ऊंची सभी सरकारी व निजी इमारतों पर 29 नवंबर 2025 तक एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
New Delhi: दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत अब राजधानी की सभी G+5 (यानी 6 मंजिल या उससे ऊंची) सरकारी और निजी इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 29 नवंबर, 2025 तक लागू करना होगा।
यह नियम उन सभी व्यावसायिक भवनों, मॉल, होटल, शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालय परिसरों पर लागू होगा जिनका क्षेत्रफल 3,000 वर्ग मीटर से अधिक है। हालांकि, आवासीय भवनों और सोसाइटीज को इस अनिवार्यता से छूट दी गई है।
क्यों उठाया गया यह कदम
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सर्दियों में दिल्ली की हवा में PM 2.5 और PM 10 जैसे खतरनाक प्रदूषक कण काफी बढ़ जाते हैं। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और नागरिकों को प्रदूषण से राहत दी जा सके। सिरसा ने कहा कि यह सरकार की प्राथमिकता है कि दिल्ली के लोगों को साफ और सुरक्षित वातावरण मिले। एंटी-स्मॉग गन इस दिशा में एक अहम कदम साबित होंगी।
डीपीसीसी का नोटिस
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने इस आदेश को लेकर एक पब्लिक नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इमारतों के क्षेत्रफल के हिसाब से कितनी स्मॉग गन लगानी होंगी, इसका स्पष्ट नियम बनाया गया है।
क्षेत्रफल के आधार पर नियम
- 10,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाली इमारतों में कम से कम 3 स्मॉग गन लगाना जरूरी होगा।
- 10,001 से 15,000 वर्ग मीटर तक की इमारतों में 4 स्मॉग गन लगानी होंगी।
- 15,001 से 20,000 वर्ग मीटर तक की इमारतों में 5 स्मॉग गन जरूरी होंगी।
- 20,001 से 25,000 वर्ग मीटर तक के परिसर में 6 स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।
- इसके बाद हर 5,000 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्रफल पर एक अतिरिक्त स्मॉग गन लगानी होगी।
इस नियम का पालन सभी व्यावसायिक भवनों, शैक्षणिक संस्थानों और ऊंची संरचनाओं को करना होगा।
स्मॉग गन कब और कैसे चलेंगी
डीपीसीसी ने स्पष्ट किया है कि स्मॉग गन को पूरे साल चलाना अनिवार्य होगा। केवल 15 जून से 1 अक्टूबर तक मानसून सीजन में इन्हें बंद किया जा सकेगा। इन गनों के संचालन और मेंटेनेंस के लिए अधिकारियों द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करना भी जरूरी है।
क्यों जरूरी हैं स्मॉग गन
स्मॉग गन को लेकर कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इनसे हवा में मौजूद प्रदूषक कणों की सांद्रता घटती है। जब स्मॉग गन से फाइन वॉटर मिस्ट छिड़का जाता है, तो हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक कण नीचे गिर जाते हैं।
सर्दियों में जब हवा ठंडी और स्थिर रहती है तो प्रदूषण के कण वातावरण में लंबे समय तक टिके रहते हैं। स्मॉग गन इन्हें कम करने का एक प्रभावी तरीका साबित होती हैं।
अनुपालन नहीं किया तो होगी कार्रवाई
डीपीसीसी ने सभी संस्थानों और इमारत मालिकों से कहा है कि वे इस आदेश का पालन 29 नवंबर, 2025 तक जरूर करें। अगर कोई संस्था अनुपालन नहीं करती है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की प्रतिबद्धता
दिल्ली सरकार का कहना है कि वायु प्रदूषण से लड़ना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सभी की साझा जिम्मेदारी है। मॉल, होटल, संस्थान और बड़े भवनों पर स्मॉग गन लगाने से शहर की एयर क्वालिटी में सुधार होगा और लोग साफ हवा में सांस ले पाएंगे।
सिरसा ने कहा कि "सरकार दिल्ली के लोगों को स्वस्थ वातावरण देने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। यह आदेश उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।"
क्या हैं चुनौतियां
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि स्मॉग गन प्रदूषण को कम करने में मददगार हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, पराली जलाना और धूल जैसी वजहों से भी होती है।
इसलिए जरूरी है कि स्मॉग गन के साथ-साथ अन्य उपायों पर भी जोर दिया जाए। जैसे कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहन, औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती और पराली जलाने पर रोक।