यूक्रेन ने रूस के हमलों का मुकाबला ड्रोन और आधुनिक हथियारों से किया। पश्चिमी सहयोग और निवेश से उसकी सैन्य क्षमता मजबूत हुई। बख्तरबंद वाहन और लंबी दूरी के ड्रोन रूस के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग (war) लगातार जारी है। रूस की ओर से यूक्रेन पर लगातार सैन्य हमले (military attacks) किए जा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों (western allies) ने रूस का मुकाबला करने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन की सैन्य क्षमता (military capability) को मजबूत करना और रूस को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाना है।
नाटो में सीमित संभावनाओं के बीच पश्चिमी सहयोग
यूक्रेन के लिए नाटो (NATO) में शामिल होने की संभावनाएँ बेहद कम हैं। इसके बावजूद पश्चिमी देश इस युद्धग्रस्त (war-torn) देश में निवेश कर रहे हैं। पश्चिमी सहयोगियों ने यूक्रेन के हथियार उद्योग (defense industry) में बड़े निवेश की योजना बनाई है ताकि वह रूस के मुकाबले में मजबूत बने। यदि यह रणनीति सफल रहती है, तो यूक्रेन द्वारा विकसित आधुनिक सैन्य तकनीक (advanced military technology) अमेरिकी और यूरोपीय सेनाओं (European armies) के लिए भी उपलब्ध कराई जा सकेगी।
हाल ही में यूक्रेन ने एक ‘क्वाडकॉप्टर’ (quadcopter) ड्रोन विकसित किया है। यह ड्रोन रूस के जैमिंग उपकरणों (jamming devices) से बचकर 20 किलोमीटर तक उड़ सकता है और 6 किलोग्राम विस्फोटक (explosives) गिरा सकता है।
अमेरिकी विशेष दूत का बयान
यूक्रेन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के विशेष दूत कीथ केलॉग (Keith Kellogg) ने कीव (Kyiv) में पिछले सप्ताह एक सम्मेलन में कहा, ‘‘ड्रोन तकनीक (drone technology) में यूक्रेन दुनिया में अग्रणी (leading) है। हम अब यूक्रेनियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि ड्रोन प्रौद्योगिकी (drone technology) का आदान-प्रदान हो सके। यह बहुत महत्वपूर्ण (critical) है।’’
उनका मानना है कि रूस के हमलों को अब यूरोपीय देशों (European countries) ने भी गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। यूरोपीय देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए रणनीतिक महत्व रखता है।
हथियार उत्पादन क्षमता में वृद्धि
यूक्रेन अपनी हथियार उत्पादन (weapon production) क्षमता को तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है। वर्तमान में उसका उद्योग सेना की 60 प्रतिशत जरूरतों को पूरा करता है, जबकि युद्ध से पहले यह केवल 10 प्रतिशत था। यूक्रेनी कंपनियां तेजी से नवाचार (innovation) कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, आर-34 ‘क्वाडकॉप्टर’ (R-34 quadcopter) ड्रोन के निर्माता एफआरडीएम (FRDM) का ड्रोन सैनिकों की जान बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। छोटे ‘फर्स्ट पर्सन व्यू’ (First Person View - FPV) ड्रोन रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं लंबी दूरी के ड्रोन 1,000 किलोमीटर दूर तक निशाना (target) साध सकते हैं।
सिर्फ ड्रोन ही नहीं, बल्कि बख्तरबंद वाहन (armored vehicles) बनाने वाली कंपनियां भी रूस की तकनीक (technology) का मुकाबला करने में सक्षम हो रही हैं। इस प्रकार, यूक्रेन धीरे-धीरे अपनी रक्षा क्षमताओं (defense capabilities) को और मजबूत बना रहा है।
यूरोप का समर्थन
यूरोपीय संघ (European Union) की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन (Von der Leyen) ने कहा कि अधिक वित्तीय मदद (financial aid) से यूक्रेन इतना मजबूत बन सकता है कि भविष्य में कोई भी उस पर हमला (attack) न कर पाए। डेनमार्क और ब्रिटेन जैसे देश सीधे यूक्रेनी रक्षा कंपनियों (defense companies) में निवेश कर रहे हैं।
यूक्रेन का मानना है कि युद्ध ने उसे यह सिखाया है कि आधुनिक हथियार उद्योग में तेजी (speed) और नवाचार (innovation) ही सफलता की कुंजी (key) है। उन्होंने कहा कि बिना तकनीकी और औद्योगिक विकास के रूस जैसी ताकतों का मुकाबला करना संभव नहीं है।
यूक्रेन की ड्रोन और तकनीक की भूमिका
यूक्रेन ने अपने ड्रोन और अन्य सैन्य तकनीक (military technology) का इस्तेमाल रूसी हमलों को रोकने और अपने सैनिकों की सुरक्षा (soldier safety) सुनिश्चित करने के लिए किया है। क्वाडकॉप्टर और लंबी दूरी के ड्रोन ने रूसी सैन्य ठिकानों (military bases) पर सटीक निशाना साधा है। इसके अलावा, बख्तरबंद वाहन और अन्य हथियार भी यूक्रेन के रक्षा ढांचे (defense structure) को मजबूत कर रहे हैं।