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दुमका: 300 साल पुरानी जमींदारी दुर्गा पूजा, पाँचवीं पीढ़ी निभा रही परंपरा

दुमका: 300 साल पुरानी जमींदारी दुर्गा पूजा, पाँचवीं पीढ़ी निभा रही परंपरा

झारखंड के दुमका जिले के रसिकपुर-एसपी कॉलेज रोड पर एक पुराना दुर्गा स्थान मंदिर है, जहाँ जमींदारी दुर्गा पूजा की लगभग 300 साल पुरानी परंपरा आज भी जारी है।

इस पूजा परंपरा की शुरुआत मानिक चंद्र दे और उनके भतीजे अनूप चंद्र दे ने की थी।

इस जमींदार दे खानदान के पाँच वंशज बारीबारी से हर साल पूजा का आयोजन करते हैं।

वंशजों के नाम हैं: अमित दे, देवशंकर दे, सुशांत कुमार दे, प्रशांत दे, मनोज दे — ये इस वर्ष पूजा कर रहे हैं। अन्य वंशज हैं: ई.स्वपन कुमार दे, डॉ. एस.एन. दे, सोमनाथ दे, स्व. दुलाल चंद्र दे, निमेंद्रनाथ दे, गोरानाथ दे, आशीष कुमार दे, उज्ज्वल कुमार दे।

घटवाल समुदाय की भूमिका: कहा जाता है कि घटवाल समुदाय ने यहाँ घटवाली काली पूजा की शुरुआत की थी। मंदिर के पीछे मां काली की वेदी अभी भी मौजूद है।

पूजाअनुष्ठानों में अष्टमी और नवमी के दिन बलि देने की परंपरा घटवाल समुदाय के लोगों द्वारा ही निभाई जाती है। दे परिवार के वंशज देशदेशों में रहते हुए भी इस पूजा में शामिल होने के लिए रसिकपुर आते हैं। यह आयोजन
उनके लिए सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि पारिवारिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित रखने का माध्यम भी है।

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