चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों को खारिज किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी मतदाता और राजनीतिक दल निष्पक्ष प्रक्रिया में भरोसा रखें। आयोग निडर होकर लोकतंत्र और मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा करता है।
New Delhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने पक्ष को स्पष्ट किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं के लिए खुले हैं और आयोग किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करता। उन्होंने यह भी जोर दिया कि बिहार के मतदाता चुनाव प्रक्रिया में पूरी तरह भाग ले रहे हैं और आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना गलत है।
राहुल गांधी के आरोप और विपक्ष की प्रतिक्रिया
पिछले दिनों राहुल गांधी ने संसद में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद विपक्षी दलों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन किए और संसद के बाहर विरोध जताया। राहुल गांधी का यह आरोप चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सीधे सवाल उठाने वाला था। ऐसे आरोप राजनीतिक माहौल को गर्म कर सकते हैं और मतदाताओं में भ्रम फैलाने का काम कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा
रविवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पक्ष को स्पष्ट किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से खुला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आयोग न केवल राजनीतिक दलों बल्कि आम मतदाताओं के लिए भी पूरी तरह पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, बूथ स्तरीय अधिकारी और राजनीतिक दल मिलकर सत्यापन, हस्ताक्षर और वीडियो प्रशंसापत्र के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बना रहे हैं।
EC ने किस बात पर जताई चिंता
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष और उनके द्वारा नामित बूथ स्तर के अधिकारी सत्यापित दस्तावेज और प्रशंसापत्र अपने राज्य या राष्ट्रीय नेताओं तक नहीं पहुंचा रहे हैं। इससे जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है।
मतदान और संविधानिक अधिकार
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना उनका अधिकार है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक राजनीतिक दल का पंजीकरण चुनाव आयोग में होता है। इसलिए चुनाव आयोग किसी भी दल के साथ भेदभाव नहीं कर सकता।
कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जब सबूत मांगे गए तो कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। ऐसे झूठे आरोप न केवल चुनाव आयोग के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी नुकसानदायक हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति की जा रही है और मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है।