एजबेस्टन स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने दिन का खेल शुरू होने से पहले ही एक बड़ी चूक कर दी।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में रवींद्र जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 89 रनों की अहम पारी खेली। उनकी इस जिम्मेदार पारी ने टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन इसी बीच, जडेजा ने एक ऐसा काम कर दिया जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नियमों के मुताबिक भारी गलती मानी जा रही है।
दरअसल, बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए कुछ सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें साफ कहा गया था कि कोई भी खिलाड़ी स्टेडियम अकेले नहीं जाएगा, पूरी टीम एक साथ बस में ही यात्रा करेगी। लेकिन एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन जडेजा ने इस नियम को नजरअंदाज करते हुए टीम बस के बजाय खुद स्टेडियम जाने का फैसला लिया।
क्यों तोड़ा नियम? जडेजा ने खुद बताया कारण
रवींद्र जडेजा ने इस पूरे विवाद पर सफाई भी दी। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, गेंद नई थी और मुझे लगा कि अतिरिक्त बल्लेबाजी अभ्यास कर लूं, ताकि जब बल्लेबाजी में उतरूं तो चीजें आसान हों। मैं टीम को मुश्किल स्थिति से निकालना चाहता था, इसलिए जल्दी निकल पड़ा। मुझे लगा टीम के हित में यह जरूरी है। यानी जडेजा का मकसद टीम के लिए बेहतर तैयारी करना था, लेकिन उन्होंने बोर्ड के नियम को तोड़कर यह कर दिखाया।
BCCI का नियम क्यों है इतना सख्त?
दरअसल, टीम इंडिया के पिछले कुछ विदेशी दौरों में सुरक्षा और अनुशासन से जुड़े मसलों के कारण बीसीसीआई ने यह नियम लागू किया था कि सभी खिलाड़ी टीम बस से ही ग्रुप में स्टेडियम आएं और जाएं। इससे सुरक्षा खतरे कम रहते हैं और टीम का सामूहिक अनुशासन भी बना रहता है। खिलाड़ियों के लिए यह सख्त नियम इसलिए जरूरी माना गया ताकि कोई अकेले यात्रा कर जोखिम में न पड़े।
जडेजा के इस कदम ने बोर्ड को असहज स्थिति में डाल दिया है क्योंकि एक तरफ उनका इरादा टीम के फायदे के लिए था, लेकिन दूसरी ओर उन्होंने नियम तोड़ा, जो उदाहरण गलत भी बना सकता है।
क्या होगी रवींद्र जडेजा को सजा?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या बीसीसीआई जडेजा पर कोई कार्रवाई करेगा? बोर्ड के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जडेजा के मामले को गंभीरता से लिया गया है, लेकिन उनका इरादा गलत नहीं था और यह देखते हुए हो सकता है कि सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए। अधिकारी के मुताबिक, जडेजा ने टीम के हित में ही जल्दी जाने का फैसला लिया, ऐसे में बोर्ड उन्हें सख्त सजा शायद न दे, लेकिन बाकी खिलाड़ियों के लिए अनुशासन का संदेश देना भी जरूरी है।
हालांकि, क्रिकेट प्रेमियों और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने जडेजा की पारी की जमकर तारीफ की है। जब भारत ने 5 विकेट गंवा दिए थे, तब जडेजा ने सूझबूझ से बल्लेबाजी कर टीम को स्थिरता दी और शुभमन गिल के साथ साझेदारी करते हुए भारत को बड़े स्कोर की ओर बढ़ाया। यही वजह है कि उनके फैंस भी मानते हैं कि जडेजा का जल्दी स्टेडियम जाना एक सही सोच थी, भले ही नियम का उल्लंघन क्यों न हो।