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एनटीपीसी के शेयर में हल्की तेजी, निवेशकों को मिले अच्छे संकेत

एनटीपीसी के शेयर में हल्की तेजी, निवेशकों को मिले अच्छे संकेत

सरकारी स्वामित्व वाली एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Ltd) के स्टॉक पर मंगलवार को निवेशकों की खास नजर बनी हुई है।

नई दिल्ली: भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड एक बार फिर से चर्चा में है। निवेशकों की नजर इस पीएसयू पावर स्टॉक पर इसलिए टिकी है क्योंकि कंपनी ने करीब 18000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की योजना की घोषणा की है। एनटीपीसी ने यह फैसला अपनी आगामी बोर्ड बैठक में विचार के लिए रखा है, जो बाजार और ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं, विस्तार रणनीतियों और पूंजीगत व्यय को देखते हुए उठाया जा रहा है।

एनटीपीसी द्वारा इस निर्णय के आने से शेयर बाजार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। मंगलवार को कंपनी के शेयरों में हल्की तेजी दर्ज की गई और वे 335 रुपये के स्तर पर पहुंचे। हालांकि ये तेजी मामूली रही, लेकिन फंड जुटाने की घोषणा ने निवेशकों का ध्यान जरूर आकर्षित किया।

कंपनी का उद्देश्य: विस्तार और स्थिरता

एनटीपीसी की इस योजना का प्रमुख उद्देश्य पूंजीगत व्यय यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर (CapEx), मौजूदा ऋणों की अदायगी और अन्य सामान्य व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करना है। कंपनी का इरादा गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर यह राशि जुटाने का है। ये डिबेंचर या तो सुरक्षित हो सकते हैं या असुरक्षित, टैक्सेबल या टैक्स फ्री हो सकते हैं, और ये पुनर्भुगतान योग्य होंगे।

एनटीपीसी ने हाल ही में 17 जून को प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 4000 करोड़ रुपये की राशि जुटाने की घोषणा की थी, जो 10 साल और 1 दिन की अवधि के लिए थी। यह राशि 6.89 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ 18 जून 2035 को परिपक्व होगी। यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति को मज़बूत बनाने की दिशा में एक और पहल है।

ऊर्जा उत्पादन में बढ़त: ट्रायल रन की सफलता

कंपनी की तकनीकी प्रगति की बात करें तो एनटीपीसी ने हाल ही में झारखंड के चतरा जिले में स्थित उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की तीसरी यूनिट (660 मेगावाट) का सफल ट्रायल रन पूरा किया है। इस यूनिट के चालू होने से ग्रुप की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 81368 मेगावाट और अकेले एनटीपीसी की क्षमता 60266 मेगावाट हो गई है।

यह उपलब्धि न केवल एनटीपीसी के तकनीकी क्षमता को दर्शाती है बल्कि कंपनी की भविष्य की ऊर्जा मांगों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। उत्तरी कर्णपुरा परियोजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की निगाहें लंबे समय से टिकी थीं। तीनों यूनिट मिलकर 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता रखती हैं, जिससे झारखंड सहित कई राज्यों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी।

विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी: सिंगापुर सरकार की हिस्सेदारी

एनटीपीसी की बढ़ती ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी रुचि दिखा रहे हैं। ट्रेंडलाइन के अनुसार, मार्च 2025 तक सिंगापुर सरकार के पास एनटीपीसी में 2.37 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। यह भागीदारी न केवल एनटीपीसी की स्थिरता और प्रदर्शन में वैश्विक विश्वास को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि भारत के पावर सेक्टर में विदेशी निवेशक कितने गंभीर हैं।

विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी भारतीय कंपनियों को वैश्विक बाजार में एक अलग पहचान देती है और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास का संकेत भी होती है।

एनटीपीसी का भविष्य की ओर बढ़ता कदम

एनटीपीसी अपनी रणनीति को लेकर काफी सजग है। कंपनी केवल पारंपरिक कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भर नहीं है, बल्कि वह सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों की ओर भी गंभीरता से बढ़ रही है। कंपनी का लक्ष्य 2032 तक अपनी कुल उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने का है।

यह परिवर्तन न केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी का हिस्सा है, बल्कि वैश्विक निवेशकों और पर्यावरणीय संगठनों की अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखकर उठाया गया कदम है। इसी कारण एनटीपीसी को ग्रीन बांड्स और सस्टेनेबल फाइनेंसिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। 

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला

एनटीपीसी के इस फैसले को लेकर निवेशकों में सकारात्मक भावना देखी जा रही है। कंपनी की ओर से फंड जुटाने की योजना और ट्रायल रन की सफलता से यह साफ संकेत मिलते हैं कि कंपनी आने वाले समय में अपने विस्तार को लेकर गंभीर है। साथ ही कंपनी की वित्तीय योजनाएं भी स्थिरता की ओर इशारा करती हैं।

मौजूदा शेयर प्राइस के आधार पर एनटीपीसी एक मध्यम जोखिम और स्थिर लाभ देने वाली कंपनी मानी जाती है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं। डिविडेंड देने की बात करें तो एनटीपीसी का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है, जिससे यह रिटेल निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक विकल्प बनता है।

सरकारी पीएसयू में स्थिरता और लाभ

एनटीपीसी की यह पहल एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां भी निजी कंपनियों की तरह ही रणनीतिक और आक्रामक वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम हैं। पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा पीएसयू कंपनियों में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के प्रयासों का असर अब दिखने लगा है। एनटीपीसी जैसे संस्थान अब वैश्विक मानकों के अनुरूप निर्णय ले रहे हैं।

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