Google ला रहा है नया हाइब्रिड OS जो Android और ChromeOS को मिलाकर बनाया जाएगा। यह सिस्टम iPadOS को टक्कर देगा और टैबलेट-लैपटॉप यूजर्स को बेहतर मल्टीटास्किंग और यूनिफाइड एक्सपीरियंस देगा।
Google: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आने वाला है, और इसकी शुरुआत कर रहा है गूगल। हाल ही में आई रिपोर्ट्स और इंटरव्यू से पता चला है कि Google एक नया हाइब्रिड ऑपरेटिंग सिस्टम लाने की तैयारी कर रहा है, जो ChromeOS और Android का मिलाजुला वर्जन होगा। कंपनी का उद्देश्य है कि इस नए सिस्टम के जरिए Apple के iPadOS को सीधी टक्कर दी जा सके और लैपटॉप व टैबलेट यूजर्स को एक बेहतर, सहज और मल्टीटास्किंग अनुभव प्रदान किया जा सके।
क्यों जरूरी था नया OS?
Google के Android और ChromeOS दोनों ही आज के समय में बेहद सफल प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन दोनों की दिशा और प्रयोग अलग-अलग हैं:
- Android जहां स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के लिए बना है,
- वहीं ChromeOS मुख्य रूप से लैपटॉप्स और Chromebooks में इस्तेमाल होता है।
लेकिन जैसे-जैसे हार्डवेयर की सीमाएं मिट रही हैं और लोग टैबलेट को लैपटॉप और लैपटॉप को टैबलेट की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं, वैसे ही एक हाइब्रिड ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत महसूस हो रही थी। यही वजह है कि Google अब दोनों को एक करने की योजना पर काम कर रहा है।
Google अधिकारी ने किया बड़ा खुलासा
TechRadar की रिपोर्ट के मुताबिक, Google के Android Ecosystem के प्रेसिडेंट ने एक इंटरव्यू में यह बात कही कि गूगल इस समय एक मल्टी-डिवाइस, यूनिफाइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि, 'हमें यह जानना दिलचस्प लगता है कि लोग आजकल लैपटॉप को किन-किन तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं और वे किस तरह के फीचर्स की उम्मीद रखते हैं।' उनके इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि गूगल का ध्यान अब केवल मोबाइल तक सीमित नहीं है, बल्कि वह बड़ी स्क्रीन, मल्टीटास्किंग और यूनिफाइड एक्सपीरियंस की तरफ बढ़ रहा है।
क्या होगा इस नए सिस्टम में खास?
गूगल का यह नया ऑपरेटिंग सिस्टम निम्नलिखित विशेषताओं के साथ आ सकता है:
- लैपटॉप और टैबलेट के लिए एक ही सिस्टम: यानी अलग-अलग वर्जन की जरूरत नहीं होगी।
- बेहतर मल्टीटास्किंग: एक साथ कई ऐप्स, विंडोज़ और फीचर्स इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
- फोन इंटीग्रेशन: ठीक iPadOS की तरह फोन कॉल रिसीव, मैसेजिंग, नोटिफिकेशन एक्सेस संभव होगा।
- स्मूद UI/UX: मोबाइल और डेस्कटॉप का मिश्रित इंटरफेस, जिससे यूजर को अधिक सुविधा हो।
- डेवलपर्स के लिए आसान प्लेटफॉर्म: एक ही कोडबेस से मोबाइल और लैपटॉप दोनों के लिए ऐप्स डेवलप करना आसान।
पहले भी सामने आ चुका है संकेत
यह पहला मौका नहीं है जब Google की ओर से इस तरह का संकेत मिला हो। नवंबर 2024 में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि Google एक मल्टी-ईयर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसका मकसद Android और ChromeOS को मिलाकर एक नया यूनिफाइड प्लेटफॉर्म बनाना है। यह बात अब और पक्की हो गई है क्योंकि Android 16 में भी कुछ ऐसे कोड और डिजाइन एलिमेंट्स देखे गए हैं जो बड़ी स्क्रीन और डेस्कटॉप यूज़ के अनुकूल हैं।
क्यों होगा यूजर्स और डेवलपर्स को फायदा?
गूगल के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा दो समूहों को होगा:
लैपटॉप और टैबलेट यूजर्स
- एक ही OS से दोनों डिवाइसेज़ पर seamless एक्सपीरियंस मिलेगा
- iPadOS की तरह features मिल सकते हैं जैसे – drag & drop, split-screen multitasking, external display support
- टैबलेट यूजर्स को मिलेगा लैपटॉप जैसा पावरफुल एक्सपीरियंस
एप डेवलपर्स
- एक ही सिस्टम के लिए एप बनाना आसान होगा
- ज्यादा यूजर्स तक पहुंच, जिससे अधिक डाउनलोड और कमाई
- डिवाइस फ्रेगमेंटेशन घटेगा और अपडेट्स सिंक में होंगे
Apple को मिलेगी सीधी टक्कर?
Apple का iPadOS आज के समय में टेबलेट-केंद्रित ऑपरेटिंग सिस्टम का बेंचमार्क माना जाता है। लेकिन Google के पास ChromeOS की स्थिरता और Android की लोकप्रियता है। ऐसे में अगर यह नया सिस्टम सही दिशा में विकसित होता है, तो यह iPadOS के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
कब तक आ सकता है ये नया OS?
फिलहाल Google ने कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है। लेकिन सूत्रों की मानें तो 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में इसका पहला बीटा वर्जन लॉन्च हो सकता है। हो सकता है कि कंपनी इसे पहले Pixel टैबलेट या Chromebook डिवाइसेज़ में टेस्ट करे।