OpenAI जल्द ही अपना AI-पावर्ड ब्राउजर लॉन्च करने जा रही है, जो यूज़र्स को बातचीत के अंदाज़ में जानकारी देगा और बिना वेबसाइट खोले काम करेगा।
OpenAI: AI टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति लाने वाली कंपनी OpenAI अब एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। खबर है कि OpenAI जल्द ही अपना खुद का AI-पावर्ड वेब ब्राउजर लॉन्च कर सकती है। यह ब्राउजर पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगा और इसे इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यूज़र्स को हर जानकारी एक संवादात्मक (कन्वर्सेशनल) अनुभव के साथ मिल सके। यह नया ब्राउजर सीधे तौर पर Google Chrome और अन्य पॉपुलर ब्राउज़र्स को टक्कर देगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस AI ब्राउजर का उद्देश्य है – यूज़र को किसी वेबसाइट पर जाने की जरूरत न पड़े, बल्कि सीधे संवाद के ज़रिए वह जो चाहे, वह तुरंत पा सके।
AI ब्राउजर की सबसे बड़ी खासियत
जहां पारंपरिक ब्राउजर आपको अलग-अलग वेबसाइट्स पर भेजते हैं, वहीं OpenAI का नया ब्राउजर एक ऐसे प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगा जहां यूज़र बिना किसी टैब को खोले, बिना वेबसाइट के पेज पर जाए, सीधा सवाल पूछ सकेंगे और जवाब पा सकेंगे – बिल्कुल वैसे ही जैसे ChatGPT से बातचीत होती है। इस ब्राउजर में यूज़र्स को हर सवाल का जवाब AI द्वारा जनरेटेड उत्तर के रूप में मिलेगा, वो भी एक साधारण और यूज़र-फ्रेंडली फॉर्मेट में। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई यूज़र यह पूछता है कि “दिल्ली से मुंबई की ट्रेन टिकट कैसे बुक करें?”, तो AI ब्राउजर सीधे टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म से जानकारी निकाल कर, टिकट बुक करने का ऑप्शन भी दे सकता है – वो भी बिना किसी साइट को ओपन किए।
Google के लिए बड़ा खतरा बन सकता है यह ब्राउजर
Google Chrome इस समय वेब ब्राउजर मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी है। लेकिन अगर OpenAI का ब्राउजर सच में यूज़र्स को एक बेहतर, तेज़ और सहज अनुभव देता है, तो यह Google के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। Google खुद भी AI को अपने सर्च इंजन में इंटीग्रेट कर रहा है। कंपनी ने AI Overview और AI Mode जैसे फीचर्स भी पेश किए हैं जो AI आधारित उत्तर देते हैं। लेकिन अब OpenAI सीधा एक AI Native ब्राउजर लेकर आ रहा है, जिससे गेम पूरी तरह बदल सकता है।
कैसा होगा ब्राउजर का अनुभव?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नया ब्राउजर Chromium बेस्ड होगा, यानी इसके पीछे वही ओपन-सोर्स इंजन होगा जिस पर Google Chrome, Microsoft Edge और Opera जैसे ब्राउजर चलते हैं। इसका मतलब है कि यूज़र्स को ब्राउज़िंग का इंटरफेस जाना-पहचाना लगेगा, लेकिन अंदर से यह पूरी तरह AI-ड्रिवन होगा। यूज़र्स इसमें वेबसाइट्स विज़िट कर सकेंगे, लेकिन उसका मुख्य उद्देश्य होगा कि किसी भी सवाल का जवाब सीधे ब्राउज़र में बातचीत के जरिए मिले, न कि 10 अलग-अलग लिंक खोलकर।
AI ब्राउजर से क्या-क्या कर सकेंगे यूज़र्स?
OpenAI का ब्राउजर सिर्फ सर्च तक ही सीमित नहीं रहेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें यूज़र्स:
- ट्रेन, फ्लाइट और इवेंट्स के टिकट बुक कर सकेंगे
- शॉपिंग, प्रोडक्ट रिव्यू और तुलना AI से कर पाएंगे
- रिसर्च आर्टिकल्स, न्यूज और ब्लॉग्स पढ़ सकेंगे बिना वेबसाइट खोले
- सोशल मीडिया अपडेट्स और ईमेल का जवाब भी AI से लिखवा सकेंगे
- अपने टेक्स्ट को ट्रांसलेट, रिफॉर्मेट या संक्षेपित भी कर सकेंगे
OpenAI की रणनीति: ब्राउज़िंग को बनाना आसान और प्रभावशाली
इस AI ब्राउजर का मकसद है इंटरनेट एक्सपीरियंस को पुनर्परिभाषित करना। आज इंटरनेट पर जानकारी की भरमार है, लेकिन यूज़र को सही जानकारी पाने के लिए कई वेबसाइट्स, पॉप-अप्स और एड्स से गुजरना पड़ता है। OpenAI इस बाधा को तोड़ना चाहता है। ब्राउज़र को कन्वर्सेशन मोड में तैयार किया जा रहा है, जिससे आप सिर्फ सवाल पूछें और AI उसका सटीक, सारगर्भित और प्रासंगिक उत्तर दे। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि यूज़र का काम भी आसान करेगा।
क्या OpenAI का ब्राउजर फ्यूचर है?
AI जिस रफ्तार से हमारी डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर रहा है, उस लिहाज से यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में AI ब्राउज़िंग एक नया नॉर्मल बन सकता है। Google, Microsoft और अब OpenAI – सभी इस दौड़ में हैं, लेकिन OpenAI के पास ChatGPT जैसी सफलता पहले से मौजूद है। अगर कंपनी यह ब्राउजर उतनी ही कुशलता से पेश करती है जैसे उसने ChatGPT को किया, तो यह ब्राउजर वेब ब्राउज़िंग के पूरे अनुभव को बदल सकता है।