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GST Council Meeting: जानिए कब घट सकती हैं टैक्स दरें और किसे मिलेगा फायदा

GST Council Meeting: जानिए कब घट सकती हैं टैक्स दरें और किसे मिलेगा फायदा

GST Council की अगली बैठक 3-4 सितंबर को दिल्ली में होगी, जिसमें 12% और 28% स्लैब को खत्म कर केवल 5% और 18% स्लैब रखने पर फैसला हो सकता है। दिवाली से पहले सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने की तैयारी में है, जिससे रोजमर्रा के सामान सस्ते और बाजार की मांग मजबूत हो सकती है।

नई दिल्ली: GST Council की अहम बैठक 3 और 4 सितंबर को दिल्ली में आयोजित होगी, जिसमें जीएसटी दरों में बड़ी कटौती और सुधारों पर फैसला लिया जा सकता है। सरकार ने 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर केवल 5% और 18% स्लैब रखने का प्रस्ताव दिया है, जिसे GoM पहले ही मंजूरी दे चुका है। माना जा रहा है कि दिवाली से पहले एसी, टीवी, फ्रिज और रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाकर उपभोक्ताओं को राहत दी जाएगी और बाजार की मांग को बढ़ावा मिलेगा।

दो स्लैब पर टिक सकता है फैसला

काउंसिल की बैठक में टैक्स स्लैब को सरल बनाने पर जोर होगा। सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि जीएसटी को केवल दो स्लैब में रखा जाए। इसके तहत 5 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी को बरकरार रखते हुए 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब को खत्म करने का सुझाव दिया गया है। मंत्रियों के समूह यानी गोएम ने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है।

GoM की रिपोर्ट काउंसिल के पास

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि GoM अपनी रिपोर्ट काउंसिल को सौंप रहा है। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की तरफ से आए प्रस्तावों पर सभी ने अपनी बात रखी और उसे काउंसिल को भेज दिया गया है। उन्होंने साफ किया कि गोएम ने 12 और 28 फीसदी वाले स्लैब को खत्म करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। अब इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल को लेना है।

कितने स्लैब रह जाएंगे

नए बदलाव के बाद जीएसटी व्यवस्था में केवल दो ही स्लैब बचेंगे। 28 फीसदी वाले स्लैब में आने वाले लगभग सभी उत्पादों को 18 फीसदी श्रेणी में शामिल किया जाएगा। वहीं 12 फीसदी वाले स्लैब की 99 फीसदी वस्तुएं 5 फीसदी श्रेणी में आ जाएंगी। मौजूदा समय में 18 फीसदी स्लैब से सरकार को 65 फीसदी राजस्व मिलता है। 28 फीसदी स्लैब से 11 फीसदी, 12 फीसदी स्लैब से 5 फीसदी और 5 फीसदी स्लैब से करीब 7 फीसदी राजस्व आता है।

किन वस्तुओं पर मिलेगी राहत

सरकार ने एसी, टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं पर टैक्स घटाने का सुझाव दिया है। अभी इन पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर 18 फीसदी करने की तैयारी है। इसके अलावा एक्सपोर्ट और रोजगार पैदा करने वाले सेक्टर्स पर मौजूदा विशेष दरें जारी रहेंगी। जैसे डायमंड पर 0.25 फीसदी और सोना व चांदी पर 3 फीसदी जीएसटी लागू रहेगा।

सरकार की योजना है कि आम आदमी से जुड़ी वस्तुओं और दैनिक उपयोग के उत्पादों को 5 फीसदी जीएसटी श्रेणी में रखा जाए। इसका मतलब है कि जरूरी सामान सस्ता हो सकता है। वहीं तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाकर 40 फीसदी करने की तैयारी है। इस श्रेणी को और सख्त बनाया जाएगा ताकि स्वास्थ्य पर असर डालने वाले उत्पादों की खपत घट सके।

90 फीसदी वस्तुएं आएंगी राहत दायरे में

वर्तमान में 28 फीसदी स्लैब में आने वाले करीब 90 फीसदी उत्पादों को 18 फीसदी में लाया जाएगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर बड़े घरेलू सामान तक की कीमतों में कमी आ सकती है। उपभोक्ता संगठनों का कहना है कि इससे त्योहारों के सीजन में बाजार की मांग को मजबूती मिलेगी।

जीएसटी सुधारों को लेकर उद्योग जगत भी उत्साहित है। कारोबारियों का मानना है कि दो स्लैब की व्यवस्था कर प्रणाली को आसान बनाएगी और उपभोक्ताओं को भी स्पष्टता मिलेगी। इससे न केवल खरीदारी बढ़ेगी बल्कि कर संग्रहण में भी पारदर्शिता आएगी।

दिवाली से पहले बड़ी घोषणा की उम्मीद

त्योहारों के सीजन को देखते हुए केंद्र सरकार बाजार को गति देना चाहती है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में अगर टैक्स स्लैब को लेकर फैसला होता है तो दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा मिल सकता है। इससे एक ओर जहां आम आदमी को राहत मिलेगी वहीं उद्योग जगत को भी बिक्री बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

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