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Gurmeet Ram Rahim Parole: 14वीं बार पैरोल पर बाहर आए राम रहीम, जेल बनी VIP गेस्ट हाउस?

Gurmeet Ram Rahim Parole: 14वीं बार पैरोल पर बाहर आए राम रहीम, जेल बनी VIP गेस्ट हाउस?

गंभीर यौन अपराधों में दोषी डेरा प्रमुख राम रहीम को 14वीं बार 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है। बार-बार मिल रही राहत ने न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Gurmeet Ram Rahim Parole: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर हैं। हरियाणा की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे राम रहीम को मंगलवार को 40 दिन की पैरोल दी गई है। यह उनकी 14वीं रिहाई है, जो कि गंभीर आपराधिक मामलों में दोषी एक व्यक्ति को बार-बार मिलने वाली राहत पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

जेल से फिर सिरसा डेरा रवाना

मंगलवार सुबह भारी पुलिस सुरक्षा के बीच राम रहीम को सुनारिया जेल से रिहा किया गया। इसके बाद वे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय के लिए रवाना हुए। यह वही स्थान है जहां से उनका साम्राज्य चलता रहा है और जहां उनके लाखों अनुयायी आज भी मौजूद हैं।

गंभीर मामलों में दोषी

राम रहीम को 2017 में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया था। इसके अलावा वे पत्रकार रामचंदर छत्रपति की हत्या और कई अन्य आपराधिक मामलों में भी सजा काट रहे हैं। इतने गंभीर आरोपों और दोष सिद्ध होने के बावजूद, बार-बार मिल रही अस्थायी रिहाई पर सवाल उठने लाजिमी हैं।

क्या है फर्लो और पैरोल?

पैरोल और फर्लो भारतीय जेल व्यवस्था में कैदियों को अस्थायी रूप से जेल से बाहर जाने की अनुमति देने के प्रावधान हैं। ये प्रावधान मानवीय आधार पर होते हैं, जैसे पारिवारिक कारण, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या सामाजिक दायित्व। लेकिन जब एक यौन अपराधी को इतने बार राहत मिले, तो यह सवाल उठता है कि क्या सिस्टम किसी रसूखदार के लिए झुक रहा है।

आलोचना क्यों हो रही है?

राम रहीम को अब तक 14 बार पैरोल या फर्लो दी जा चुकी है। इसमें से कुछ बार तो त्योहारों या डेरा से जुड़े कार्यक्रमों के लिए भी उन्हें रिहा किया गया। इससे यह धारणा बनती है कि जेल उनके लिए कोई सजा नहीं बल्कि एक व्यवस्था मात्र है, जिससे वे जब चाहें बाहर निकल सकते हैं। आम कैदी जहां एक बार पैरोल पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरते हैं, वहीं राम रहीम को बार-बार छूट मिलना गंभीर असंतुलन को उजागर करता है।

पिछली रिहाइयां भी चर्चा में रहीं

इसी साल 9 अप्रैल को भी राम रहीम को 21 दिन की फर्लो मिली थी। 2023 और उससे पहले भी उन्हें विभिन्न अवसरों पर छुट्टियां दी जाती रही हैं। उनकी हर रिहाई के बाद यह सवाल गूंजता रहा है कि क्या भारतीय जेल प्रणाली सभी के लिए समान है या फिर रसूखदारों के लिए अलग नियम लागू होते हैं।

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