कुरुक्षेत्र में धान खरीद की अनियमितताओं को लेकर धरना दे रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद वे भावुक होकर रो पड़े। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया।
कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बुधवार को धान की खरीद में अनियमितताओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रशासन के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। इस दौरान चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) राजेश कुमार को थप्पड़ जड़ दिया। घटना के बाद माहौल गरमा गया और पुलिस ने चढूनी सहित 30 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया।
बताया गया कि किसान लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे थे और मांग कर रहे थे कि प्रशासन धान खरीद में चल रही गड़बड़ियों को ठीक करे। लेकिन जब प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, तो स्थिति बिगड़ गई और विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
चढूनी बोले हमारा दर्द कोई नहीं सुनता
घटना के बाद गुरनाम सिंह चढूनी भावुक हो गए और फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने कहा कि किसान महीनों से धान खरीद की समस्याओं को लेकर परेशान हैं, लेकिन अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। उन्होंने कहा, “हम खेतों में खून-पसीना बहाते हैं, लेकिन मंडियों में हमारे साथ लूट हो रही है। प्रशासन को यह थप्पड़ नहीं, किसानों की बेबसी का प्रतीक समझना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में चढूनी कहते दिखे – “आपने (किसानों ने) थप्पड़ मारा है। एक गिरफ्तार होगा या सारे होंगे?” इस पर मौके पर मौजूद किसानों ने हाथ उठाकर उनका समर्थन किया।
थाने के बाहर किसानों का जोरदार प्रदर्शन
थप्पड़ कांड के बाद कुरुक्षेत्र पुलिस ने चढूनी सहित 30 किसानों को हिरासत में ले लिया और उन्हें झांसा थाने ले जाया गया। इसके विरोध में सैकड़ों किसान थाने के बाहर पहुंच गए और “किसान एकता जिंदाबाद” के नारे लगाते हुए थाने का घेराव कर दिया।
पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद प्रशासन ने किसानों से बातचीत के लिए उन्हें सर्किट हाउस बुलाया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस ने दी कार्रवाई की जानकारी
DSP लाडवा रणधीर सिंह ने बताया कि चढूनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है, लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसानों की ओर से भी DFSC के खिलाफ शिकायत दी गई है। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच की जाएगी और कानूनी कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी।
चढूनी ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
घटना के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने राज्य सरकार को 25 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि यदि तब तक DFSC को सस्पेंड नहीं किया गया और किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो जाट धर्मशाला में राज्यस्तरीय मीटिंग बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हम सरकार से टकराना नहीं चाहते, लेकिन किसानों का अपमान अब बर्दाश्त नहीं होगा। अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन का रास्ता ही बचेगा।”