हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने 7 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। मंडी जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। कई घर बह गए हैं, सड़कें बंद हैं और बिजली-पानी की सप्लाई भी बाधित है। मौसम विभाग ने 7 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में तबाही का मंजर
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश हो रही है। इस दौरान बादल फटने की घटनाओं ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई घर, वाहन और दुकानें बह गए। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है और 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।
7 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई तक लगातार भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे अगले तीन दिन बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डीसी राणा ने बताया कि नुकसान का वास्तविक आंकलन बाद में होगा, फिलहाल राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता है।
मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान
मंडी का थुनाग उपखंड इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। बिजली और पानी की सप्लाई लगभग पूरी तरह ठप है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर सड़क मरम्मत में जुटे हैं जबकि जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
रोड, ट्रांसफार्मर और जल योजनाएं प्रभावित
प्रदेशभर में 250 से अधिक सड़कें बंद हैं। 500 से ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर बंद हो चुके हैं और करीब 700 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा और शिमला जिलों में सबसे अधिक असर देखा गया है। राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए जिलों को विशेष निर्देश दिए हैं और प्रभावित इलाकों में राहत शिविर शुरू किए गए हैं।
26 अतिरिक्त मौतें सड़क दुर्घटनाओं से
बारिश से जुड़ी घटनाओं में जहां 37 लोगों की जान गई है, वहीं भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते हुई सड़क दुर्घटनाओं में 26 और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई लोग अभी भी लापता हैं। बचाव टीमें लगातार खोज अभियान चला रही हैं, लेकिन कई जगहों पर भूस्खलन और टूटी सड़कों के कारण राहत कार्यों में देरी हो रही है।
डीसी राणा ने इस आपदा को जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग से जुड़ा बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल भी अब जलवायु असंतुलन के गंभीर प्रभावों का सामना कर रहा है।