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हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का निधन, 85 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का निधन, 85 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हो गया। उन्होंने समूह को वैश्विक स्तर पर फैलाया और अशोक लीलैंड, गल्फ ऑयल जैसी बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया।

Gopichand Hinduja: हिंदुजा समूह के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे गोपीचंद हिंदुजा को व्यापार जगत में ‘जीपी’ के नाम से जाना जाता था। वे मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद समूह के अध्यक्ष बने थे। उनके पीछे पत्नी सुनीता, पुत्र संजय और धीरज, और पुत्री रीटा हैं।

हिंदुजा समूह में योगदान

गोपीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा समूह को वैश्विक स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समूह को पारंपरिक व्यापार से लेकर बैंकिंग, वित्त, ऊर्जा, मोटर वाहन, मीडिया और बुनियादी ढांचे तक विस्तारित किया। उनके नेतृत्व में समूह ने 1984 में गल्फ ऑयल और 1987 में अशोक लीलैंड जैसे बड़े अधिग्रहण किए। अशोक लीलैंड भारत में प्रवासी भारतीयों द्वारा किए गए पहले बड़े निवेशों में शामिल था।

गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट ऑफ लॉ और रिचमंड कॉलेज, लंदन से मानद डॉक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स से सम्मानित किया गया।

हिंदुजा समूह का इतिहास

हिंदुजा समूह की स्थापना 1919 में हुई थी। इसके संस्थापक परमानंद दीपचंद हिंदुजा सिंध (तब भारत, अब पाकिस्तान) से ईरान गए और वहां से समूह की नींव रखी। समूह ने 1979 में मुख्यालय ईरान से लंदन स्थानांतरित किया और वैश्विक विस्तार की शुरुआत की। वर्तमान में समूह दुनिया भर में लगभग दो लाख लोगों को रोजगार देता है।

हिंदुजा परिवार के पास एक प्रभावशाली रियल एस्टेट पोर्टफोलियो है। इसमें प्रमुख संपत्ति व्हाइटहॉल की ओल्ड वॉर ऑफिस बिल्डिंग है, जिसे हाल ही में रैफल्स लंदन होटल में तब्दील किया गया। गोपीचंद हिंदुजा के नेतृत्व में समूह ने वैश्विक निवेश और अधिग्रहण की रणनीति को मजबूती दी।

गोपीचंद हिंदुजा का निजी जीवन उनके व्यावसायिक जीवन की तरह अनुशासित और सक्रिय था। वे अपने परिवार के प्रति बेहद समर्पित थे। उनके पीछे पत्नी सुनीता, पुत्र संजय और धीरज, और पुत्री रीटा हैं। उनका निधन हिंदुजा परिवार और व्यापारिक समुदाय के लिए एक युग का अंत है।

व्यापारिक जगत में शोक

गोपीचंद हिंदुजा का निधन भारत और ब्रिटेन के सबसे प्रभावशाली व्यावसायिक परिवारों में से एक के लिए बड़ी क्षति है। उनके नेतृत्व में हिंदुजा समूह ने वैश्विक स्तर पर कई मील के पत्थर हासिल किए। उनका योगदान केवल व्यापार तक सीमित नहीं था, बल्कि शिक्षा, समाज और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण रहा।

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