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IAS Success Story: माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़ गार्गी जैन ने हासिल किया सपना

IAS Success Story: माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़ गार्गी जैन ने हासिल किया सपना

गार्गी जैन ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी की और दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं। उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरक है, जो सुरक्षित करियर को छोड़कर समाज सेवा और अपने सपनों को प्राथमिकता देना चाहते हैं। मेहनत, दृढ़ निश्चय और समर्पण सफलता की कुंजी साबित हुए।

IAS Success Story: गार्गी जैन ने माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी शुरू की और दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं। राजस्थान की इस इंजीनियर ने देश सेवा का लक्ष्य चुना और सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की। पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार तैयारी जारी रखी। आज वे गुजरात के छोटा उदेपुर जिले की कलेक्टर हैं और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करते हुए जिले में कई सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रही हैं।

माइक्रोसॉफ्ट छोड़कर UPSC की राह

गुजरात के छोटा उदेपुर जिले की कलेक्टर गार्गी जैन ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी में सुरक्षित नौकरी छोड़कर अपने सपनों को चुना और UPSC परीक्षा में दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने देश सेवा का लक्ष्य तय किया और IAS बनने के लिए तैयारी शुरू की।

पहला प्रयास असफल, हिम्मत नहीं टूटी

पहले प्रयास में गार्गी जैन कुछ अंकों से UPSC में सफलता हासिल नहीं कर पाईं। लेकिन इस हार ने उन्हें पीछे नहीं हटाया। उन्होंने फिर से मेहनत की और दूसरे प्रयास में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के शीर्ष IAS अधिकारी में शामिल हो गईं।

IAS बनने के बाद का सफर

गार्गी जैन को शुरुआत में कर्नाटक कैडर मिला था, लेकिन शादी के बाद उन्होंने गुजरात कैडर जॉइन किया। वर्तमान में वे छोटा उदेपुर जिले की कलेक्टर हैं, जो आदिवासी क्षेत्र है और प्रशासनिक चुनौतियों से भरा हुआ है। उनके नेतृत्व में कई सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है।

सफलता की प्रेरणा

गार्गी जैन की कहानी यह दिखाती है कि स्थिर नौकरी छोड़कर अपने सपनों का पीछा करना भी संभव है। मेहनत, दृढ़ निश्चय और लक्ष्य की स्पष्टता से बड़े मुकाम को पाया जा सकता है। उनके जीवन से यह भी प्रेरणा मिलती है कि असफलताएं केवल सीखने का अवसर हैं, हार मानना विकल्प नहीं।

गार्गी जैन का सफर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो किसी भी सुरक्षित करियर को छोड़कर समाज सेवा और अपने सपनों को प्राथमिकता देना चाहते हैं। यह कहानी यह संदेश देती है कि सही मार्गदर्शन, तैयारी और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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