सरकारी नौकरी छोड़ दी। उनके इस फैसले ने प्रदूषण और स्वास्थ्य सुरक्षा पर चर्चा तेज कर दी है। आयुषी की शिक्षा और करियर उत्कृष्ट हैं, और उनका कदम पर्यावरण और परिवार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
IES Ayushi Chand: UPSC IES 2016 टॉपर और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर आयुषी चंद ने प्रदूषण की वजह से अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी। यह फैसला उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और अपने छोटे बेटे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया। उनके पति अक्षत श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस जानकारी को साझा किया। आयुषी चंद ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के एपीजी स्कूल और डीपीएस आरके पुरम से की और श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स व जेएनयू से अर्थशास्त्र में स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।
प्रदूषण और सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला
UPSC IES 2016 टॉपर और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर पद पर कार्यरत आयुषी चंद ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया है। उनके पति अक्षत श्रीवास्तव ने इस जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रदूषण की स्थिति और उनके छोटे बेटे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।
आयुषी चंद ने अगस्त 2016 से वित्त मंत्रालय में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में करियर शुरू किया था और बाद में डिप्टी डायरेक्टर पद पर कार्यरत थीं। उनके इस फैसले के बाद दिल्ली में प्रदूषण और उनके जीवन-निर्णय को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

आयुषी चंद की शैक्षिक पृष्ठभूमि
आयुषी चंद की पढ़ाई दिल्ली में हुई। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा एपीजी स्कूल दिल्ली से पूरी की और 12वीं डीपीएस आरके पुरम से पास की। इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स (अर्थशास्त्र) किया और जेएनयू से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की।
उनकी शैक्षिक योग्यता और उत्कृष्टता ने उन्हें UPSC IES 2016 में 8वीं रैंक दिलाई। इसके अलावा, उन्होंने योजना आयोग (नीति आयोग) और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ इंटर्नशिप और परियोजनाओं पर काम किया।
कैरियर और अनुभव
आयुषी चंद का करियर भारतीय आर्थिक सेवा (IES) में एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने वित्त मंत्रालय में विभिन्न पदों पर काम करते हुए नीति निर्माण और प्रशासन में अनुभव प्राप्त किया। उनका यह कदम प्रदूषण के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता और परिवार के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।
आयुषी चंद का निर्णय बताता है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दे अब केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पेशेवर जीवन के लिए भी अहम हो गए हैं। उनका यह कदम समाज में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण और स्वास्थ्य संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित करता है।












