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इज़रायल-हूती संघर्ष: सीमित संसाधनों से लड़े जा रहे एक असमान युद्ध की पूरी तस्वीर

इज़रायल-हूती संघर्ष: सीमित संसाधनों से लड़े जा रहे एक असमान युद्ध की पूरी तस्वीर

इज़रायल ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए। मिसाइल और ड्रोन हमलों के जवाब में अल-हुदायदाह बंदरगाह से लेकर पावर प्लांट तक निशाना बनाया गया। संघर्ष और बढ़ने की आशंका है।

Defence News: हूती विद्रोहियों द्वारा इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले तेज किए जा रहे हैं, जिसके जवाब में इज़रायल ने यमन स्थित कई हूती ठिकानों को निशाना बनाते हुए शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई की है। हालांकि हूती गुट के पास ईरान से मिले कई प्रकार के खतरनाक हथियार और ड्रोन हैं, लेकिन तकनीकी सीमाएं और रणनीतिक कमजोरियों के चलते वे इज़रायल जैसे सैन्य महाशक्ति के सामने टिक नहीं पा रहे। इस रिपोर्ट में जानिए हूती हथियारों की पूरी डिटेल, इज़रायल की रणनीति और भविष्य की आशंकाएं।

हमले की शुरुआत: हूती मिसाइलों और ड्रोन की बौछार

पिछले कुछ महीनों से यमन के हूती विद्रोही इज़रायल के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। इन हमलों का केंद्र अधिकतर दक्षिणी इज़रायल और रेड सी के आसपास के क्षेत्र होते हैं। हूती गुट ने हमलों की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा कि वे “ग़ज़ा के लोगों के समर्थन” में ये कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि, इज़रायल का दावा है कि इनका उद्देश्य ईरान की भूराजनैतिक रणनीति का हिस्सा है।

हूती हथियारों का जखीरा: कौन-कौन से मिसाइल और ड्रोन हैं इनके पास?

हूती विद्रोहियों के पास विभिन्न प्रकार के मिसाइल, ड्रोन और नौसैनिक हमले करने वाले सिस्टम हैं, जिनमें अधिकतर ईरान द्वारा दिए गए या उसकी तकनीक पर आधारित हैं।

1. बैलिस्टिक मिसाइलें:

  • बुरकान-2H: यह ईरानी शहाब-2 मिसाइल पर आधारित है। इसकी रेंज लगभग 800-900 किलोमीटर है।
  • ज़ुल्फिकार: यह अधिक दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज लगभग 1,000 से 1,200 किलोमीटर तक हो सकती है।
  • तूफान मिसाइल: यह इज़रायल तक पहुंचने में सक्षम लंबी दूरी की मिसाइल है, लेकिन इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर सवाल हैं।

2. क्रूज़ मिसाइलें:

  • कुद्स-1 और कुद्स-2: यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलें हैं, जिनका उपयोग सटीक निशाना लगाने के लिए किया जाता है। ईरानी ‘सोमार’ मिसाइल पर आधारित।

3. ड्रोन्स (यूएवी):

वाइद (Waeed): रेंज करीब 2,500 किलोमीटर, लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम, आत्मघाती मिशनों में प्रयोग।

समाड़-3: कम लागत वाला, जीपीएस-निर्देशित ड्रोन जो लक्ष्यों पर विस्फोट करता है।

असिफ और राशिद: नौसैनिक ड्रोन जिनका प्रयोग इज़रायली जहाजों को नुकसान पहुंचाने में किया गया।

हूती क्षमताओं की सीमाएं: क्यों नहीं हो पा रही भारी क्षति?

हालांकि हूती गुट के पास विविध हथियार हैं, लेकिन उनके प्रयोग में कई व्यावहारिक समस्याएं हैं:

  • इनकी मिसाइलों की सटीकता बहुत कमजोर है। अधिकतर मिसाइलें या तो लक्ष्य से पहले गिर जाती हैं या इज़रायली डिफेंस सिस्टम द्वारा नष्ट कर दी जाती हैं।
  • ट्रेनिंग की कमी, तकनीकी रखरखाव की समस्या, और रियल-टाइम डेटा की अनुपलब्धता के चलते ये हमले कम प्रभावशाली होते हैं।
  • हूती अब भी पारंपरिक सैन्य ताकतों की तुलना में गैर-पारंपरिक युद्ध रणनीति पर निर्भर हैं।

इज़रायल की जवाबी कार्रवाई

इज़रायल ने यमन में स्थित हूती ठिकानों पर कई हवाई हमले किए, जिनमें अल-हुदायदाह पोर्ट, सलिफ बंदरगाह, और रास इस्सा पावर प्लांट शामिल हैं। इन हमलों का उद्देश्य हूती के हथियार डिपो और लॉजिस्टिक नेटवर्क को कमजोर करना था। इज़रायल की वायुसेना के पास F-35 फाइटर जेट्स, लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइलें और रीयल-टाइम इंटेलिजेंस सपोर्ट है।

इज़रायल की रक्षा प्रणाली: आयरन डोम से एरो-3 तक सुरक्षा की मजबूत परतें

इज़रायल की मल्टीलेयर डिफेंस प्रणाली उसे हूती जैसे हमलों से बचाने में सक्षम बनाती है:

Iron Dome: शॉर्ट रेंज रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर देता है। 90% से अधिक सटीकता।

David’s Sling: मीडियम रेंज मिसाइलों से बचाव करता है।

Arrow 2 और Arrow 3: लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करने में सक्षम हैं, जो बाहरी वातावरण में ही मिसाइल को निष्क्रिय कर देते हैं।

इन प्रणालियों के सहयोग से इज़रायल अब तक हूती हमलों से बड़ी क्षति से बचा रहा है।

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