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IMD Alert: पंजाब से राजस्थान तक बाढ़ का कहर, बारिश ने बिगाड़े हालात

IMD Alert: पंजाब से राजस्थान तक बाढ़ का कहर, बारिश ने बिगाड़े हालात

उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब में अब तक 46 मौतें और लाखों हेक्टेयर फसलें डूब गईं। हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान में भी हालात बिगड़े, पीएम मोदी करेंगे दौरा।

IMD Alert: उत्तर भारत इन दिनों भारी मानसूनी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान जैसे राज्यों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। सबसे ज्यादा असर पंजाब पर दिखाई दे रहा है जहां अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है और लाखों हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। गांवों में पानी भर जाने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 9 सितंबर को पंजाब के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने वाले हैं ताकि हालात का जायजा ले सकें और आगे की रणनीति तय की जा सके। इसी बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात समेत कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है।

पंजाब में सबसे गंभीर हालात, फसलें और गांव डूबे

पंजाब इस समय बाढ़ के सबसे गहरे संकट से जूझ रहा है। यहां 23 जिलों के करीब 1,996 गांव पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। खेतों में खड़ी धान, गन्ना और अन्य खरीफ फसलें पानी में समा गई हैं जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पर बर्बादी दर्ज की गई है। 

राहत और बचाव कार्य लगातार चल रहे हैं लेकिन कई इलाकों तक अभी भी पहुंच बनाना मुश्किल हो रहा है। अब तक 46 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। हजारों परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है और अस्थायी राहत शिविरों में उनके लिए भोजन, दवाइयां और जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे दौरा, राहत पैकेज पर उम्मीद

केंद्र सरकार की ओर से हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को खुद बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे। यह दौरा राहत और पुनर्वास कार्यों की दिशा तय करने में अहम माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री के दौरे के बाद केंद्र सरकार विशेष राहत पैकेज की घोषणा करेगी। बाढ़ प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद, बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा और पुनर्निर्माण योजनाओं पर भी निर्णय लिया जा सकता है। पंजाब सरकार ने पहले ही केंद्र से बड़ी राहत राशि की मांग कर दी है ताकि प्रभावित परिवारों और किसानों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके।

हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट

पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन (landslide) और फ्लैश फ्लड का खतरा बढ़ गया है। कई स्थानों पर सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है जिससे यातायात प्रभावित हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दोनों राज्यों के कई जिलों में अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है और निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

राजस्थान और गुजरात में भी बारिश से बढ़ेगी मुश्किलें

मौसम विभाग ने 6 और 7 सितंबर को राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी दी है। पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कुछ इलाकों में 30 सेंटीमीटर तक वर्षा दर्ज होने की संभावना जताई गई है। 

गुजरात क्षेत्र, सौराष्ट्र और कच्छ में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इस चेतावनी के बाद प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क कर दिया है और राहत दलों को अलर्ट पर रखा गया है। राजस्थान के कई हिस्सों में पहले से ही जलभराव की स्थिति बनी हुई है और अगर अनुमानित वर्षा होती है तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

आईएमडी का राज्यों के लिए पूर्वानुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में कई राज्यों के लिए बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। 6 और 7 सितंबर को उत्तराखंड में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है जबकि 7 सितंबर को कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में बारिश का दौर जारी रहेगा। 7 और 8 सितंबर को राजस्थान और गुजरात में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। 

8 और 9 सितंबर को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी भारी बारिश की संभावना है। 10 सितंबर को पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जोरदार बारिश हो सकती है जबकि 10 और 11 सितंबर को बिहार और यूपी के कुछ हिस्सों में लगातार वर्षा देखने को मिल सकती है।

अर्थव्यवस्था पर सीधा असर

भारी बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है। पंजाब और हरियाणा में धान और गन्ने की फसलें पानी में डूब चुकी हैं। इससे न केवल किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है बल्कि खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (food supply chain) और बाजार पर भी असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात जल्द काबू में नहीं आए तो आने वाले समय में खाद्य मुद्रास्फीति (food inflation) बढ़ सकती है। इससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ना तय है।

राहत और बचाव कार्य तेज

बाढ़ प्रभावित राज्यों में NDRF और SDRF की टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हुई हैं। नावों की मदद से ग्रामीण इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। प्रभावित जिलों में अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं जहां पीने का पानी, खाने का सामान और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं ताकि पानी से फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सके। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि सभी प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाई जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर कई जगह अब भी दिक्कतें बनी हुई हैं।

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