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India–UK Free Trade Agreement 2025: किसे मिलेगा बड़ा फायदा, किस सेक्टर को राहत

India–UK Free Trade Agreement 2025: किसे मिलेगा बड़ा फायदा, किस सेक्टर को राहत

नई दिल्ली: भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच बहुप्रतीक्षित Free Trade Agreement (FTA) 24 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित होने जा रहा है। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों को नया आयाम देगा।

यह भारत का किसी विकसित देश के साथ एक दशक में पहला बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता होगा। उम्मीद है कि यह समझौता आगामी 12 महीनों में लागू हो जाएगा, बशर्ते कि दोनों देशों की संसद और मंत्रिमंडल से औपचारिक मंजूरी मिल जाए।

टैरिफ में बड़ी राहत, कई विदेशी प्रोडक्ट सस्ते

FTA के तहत दोनों देशों ने कई प्रमुख क्षेत्रों में आयात शुल्क में कटौती पर सहमति जताई है:

  • स्कॉच व्हिस्की और जिन: भारत में इन पर मौजूदा 150% इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 75% किया जाएगा, और अगले 10 वर्षों में इसे और कम कर 40% तक लाया जाएगा।
  • ब्रिटिश कारें: UK से आयातित लग्ज़री वाहनों पर 100% से अधिक शुल्क घटाकर 10% किया जाएगा, लेकिन यह कोटा-आधारित प्रणाली के तहत होगा।
  • अन्य उत्पाद: भारत चॉकलेट, बिस्किट, कॉस्मेटिक्स, सैल्मन मछली और मेडिकल उपकरणों पर भी आयात शुल्क में कटौती करेगा।

भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए खुला बड़ा बाजार

भारत को इस समझौते से 99% उत्पादों पर UK बाजार में ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा। इससे भारतीय निर्यातकों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है:

  • कपड़ा और परिधान: तिरुपुर, सूरत और लुधियाना जैसे हब्स से निर्यात को मजबूती मिलेगी।
  • जूते-चप्पल उद्योग: आगरा, कानपुर और चेन्नई जैसे केंद्रों में तैयार फुटवियर को UK बाजार में शून्य शुल्क पर एंट्री मिलेगी।
  • इलेक्ट्रिक वाहन और ऑटो पार्ट्स: Tata Motors और Mahindra Electric जैसी कंपनियों को फायदा, क्योंकि UK में preferential quotas के तहत पहुंच मिलेगी।
  • रत्न एवं आभूषण: गुजरात और महाराष्ट्र के निर्यातकों को 16% तक की ड्यूटी हटने से सीधा लाभ होगा।
  • दवाइयाँ और चिकित्सा उपकरण: भारतीय फार्मा कंपनियों को UK में regulatory आसानियाँ और बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी।
  • मशीनरी, खिलौने, खेल सामान, रसायन और फर्नीचर: इन क्षेत्रों में भी निर्यातकों को शुल्क राहत मिलेगी।

UK को क्या मिलेगा इस समझौते से

  • शराब और लग्ज़री गाड़ियाँ: Diageo जैसी कंपनियों के स्कॉच और Aston Martin जैसी कार ब्रांडों को भारत में बेहतर बाजार मिलेगा।
  • प्रोफेशनल सर्विस एंट्री: योगा ट्रेनर्स, शेफ, म्यूज़िशियन और दूसरे भारतीय पेशेवरों को शॉर्ट टर्म UK वीज़ा में आसानी होगी।
  • सोशल सिक्योरिटी राहत: अस्थायी रूप से UK में कार्यरत भारतीय पेशेवरों को 3 वर्षों तक सोशल सिक्योरिटी टैक्स से छूट, जिससे अनुमानित ₹4,000 करोड़ की वार्षिक बचत होगी।
  • सरकारी खरीद तक पहुंच: UK कंपनियाँ भारत सरकार के ₹200 करोड़ से ऊपर के टेंडर में बोली लगा सकेंगी, बशर्ते वे संवेदनशील सेक्टर न हों।

अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा

ब्रिटिश सरकार का अनुमान है कि यह समझौता UK की GDP में हर वर्ष £4.8 बिलियन (लगभग ₹51,000 करोड़) की वृद्धि करेगा। भारत के लिए भी यह समझौता 2030 तक UK को निर्यात दोगुना करने में सहायक होगा।

फिलहाल UK में 1,000 से अधिक भारतीय कंपनियाँ मौजूद हैं, जो करीब 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं। इन कंपनियों ने अब तक UK में $20 बिलियन का निवेश किया है। दूसरी ओर, UK ने भारत में $36 बिलियन का निवेश किया है, जिससे वह भारत का छठा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।

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