एशिया कप 2025 में भारत ने ओमान को हराया। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खुद बल्लेबाजी नहीं की और निचले क्रम को मौका दिया। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इसे टीम हित में रणनीतिक फैसला बताया।
India vs Oman: एशिया कप 2025 के आखिरी ग्रुप मैच में भारतीय टीम ने ओमान को मात देकर जीत की हैट्रिक पूरी की। कमजोर मानी जा रही ओमान टीम के खिलाफ टीम इंडिया ने इस मैच को एक तरह से प्रयोग का अवसर बनाया। जसप्रीत बुमराह और वरुण चक्रवर्ती को आराम दिया गया तो वहीं सबसे बड़ा फैसला यह रहा कि कप्तान सूर्यकुमार यादव बल्लेबाजी करने ही नहीं उतरे। इस कदम ने क्रिकेट फैंस को हैरान कर दिया और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना भी होने लगी। हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने सूर्यकुमार यादव का बचाव किया और उनकी सोच को सही ठहराया।
ओमान के खिलाफ टीम इंडिया का प्रयोग
भारत पहले ही यूएई और पाकिस्तान को हराकर सुपर-4 के लिए क्वालिफाई कर चुका था। ऐसे में ओमान के खिलाफ मुकाबला भारतीय टीम ने रणनीतिक तौर पर अलग अंदाज में खेला। इस मैच को टीम मैनेजमेंट ने ‘practice game’ की तरह लिया ताकि उन खिलाड़ियों को बैटिंग और बॉलिंग का मौका दिया जा सके जिन्हें अब तक बहुत ज्यादा अवसर नहीं मिला था। यही कारण रहा कि बल्लेबाजी क्रम (batting order) में बड़े बदलाव देखने को मिले। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खुद को 11वें नंबर पर रखा और अन्य खिलाड़ियों को आजमाने का मौका दिया।
11वें नंबर पर रखी खुद की बैटिंग
आम तौर पर सूर्यकुमार यादव भारत की बल्लेबाजी लाइनअप में टॉप ऑर्डर या मिडिल ऑर्डर में उतरते हैं। लेकिन ओमान के खिलाफ उन्होंने खुद को आखिरी यानी 11वें स्थान पर रखा। हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, शिवम दुबे, तिलक वर्मा, कुलदीप यादव और यहां तक कि हर्षित राणा जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी करने उतरे लेकिन कप्तान का नंबर ही नहीं आया। संजू सैमसन को 3 नंबर पर प्रमोट किया गया और उन्होंने शानदार अर्धशतक लगाया। इस फैसले के बाद कई फैंस को यह लगा कि सूर्यकुमार यादव टीम के लिए जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
आलोचना के बीच गावस्कर का समर्थन
जैसे ही सूर्यकुमार यादव ने बल्लेबाजी नहीं की, सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। लेकिन पूर्व भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने उनके इस फैसले का बचाव किया। सोनी स्पोर्ट्स पर इरफान पठान के साथ बातचीत में गावस्कर ने कहा कि सूर्यकुमार यादव की सोच अलग है और वह टीम के हित में फैसले लेते हैं। गावस्कर का कहना था कि अगर सूर्या बल्लेबाजी करने भी उतरते तो वह कुछ चौके-छक्के लगाकर पारी को समाप्त कर सकते थे लेकिन शायद उन्हें अतिरिक्त practice की जरूरत नहीं थी क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी पहले ही कर दिखाई थी।
टीम के हित में लिया गया फैसला
गावस्कर ने यह भी कहा कि सूर्यकुमार यादव ने यह सोचकर खुद बल्लेबाजी नहीं की कि अगर भारत किसी बड़े मुकाबले में जल्दी विकेट खो देता है तो निचले क्रम (lower order) के बल्लेबाजों का तैयार होना जरूरी है। कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी का बल्लेबाजी अनुभव टीम के लिए मददगार हो सकता है। इसलिए उन्होंने इस मैच में अपने बजाय निचले क्रम को बल्लेबाजी का मौका दिया। गावस्कर ने इसे कप्तान की दूरदर्शिता (vision) बताया और कहा कि यही एक अच्छे कप्तान की खासियत होती है।
अलग सोच के कप्तान
सूर्यकुमार यादव को लेकर गावस्कर ने कहा कि वह बहुत ही अलग तरह की सोच वाले कप्तान हैं। उन्होंने याद दिलाया कि श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में सूर्या ने खुद गेंदबाजी की थी और रिंकू सिंह जैसे बल्लेबाज को गेंद थमाई थी। इस फैसले ने मैच का रुख ही बदल दिया और भारत को जीत दिलाई। इससे यह साफ है कि सूर्या conventional तरीके से कप्तानी नहीं करते बल्कि नए प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते। यही सोच उन्होंने ओमान के खिलाफ भी दिखाई और खुद बल्लेबाजी न करके टीम के अन्य खिलाड़ियों को आगे भेजा।
फैंस की उम्मीदें
हालांकि क्रिकेट फैंस का मानना था कि कप्तान को हमेशा आगे से नेतृत्व करना चाहिए। सोशल मीडिया पर कई फैंस ने लिखा कि जब टीम का कप्तान फिट और उपलब्ध है तो उसे बल्लेबाजी जरूर करनी चाहिए। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ओमान जैसी कमजोर टीम के खिलाफ बल्लेबाजी से बचना कप्तान की जिम्मेदारी से दूर भागने जैसा नहीं है। लेकिन दूसरी ओर यह भी कहा गया कि सूर्या की रणनीति टीम इंडिया को लंबे टूर्नामेंट में फायदा पहुंचा सकती है क्योंकि इससे निचले क्रम के बल्लेबाजों को आत्मविश्वास मिलेगा।
सुपर-4 से पहले रणनीतिक तैयारी
भारतीय टीम ने ओमान के खिलाफ जीत दर्ज कर अपने ग्रुप अभियान का अंत शानदार अंदाज में किया। सुपर-4 में पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ मुकाबले होने हैं। ऐसे में कप्तान का यह फैसला टीम की bench strength को परखने के लिए अहम रहा। बुमराह और वरुण चक्रवर्ती को आराम देकर नए खिलाड़ियों को उतारना और निचले क्रम को बल्लेबाजी का मौका देना, इन सबका उद्देश्य यही था कि सुपर-4 में टीम को हर स्थिति में तैयार रखा जा सके।