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अफगानिस्तान के बरगाम एयरबेस को लेकर अमेरिका की रणनीति, ट्रंप बोले- 'हाथ से जाने नहीं देना चाहिए था'

अफगानिस्तान के बरगाम एयरबेस को लेकर अमेरिका की रणनीति, ट्रंप बोले- 'हाथ से जाने नहीं देना चाहिए था'

डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बरगाम एयरबेस पर फिर से नियंत्रण पाने की कोशिश की घोषणा की है। 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद यह बेस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन गया है, लेकिन अफगान अधिकारियों ने इसकी सैन्य उपस्थिति का विरोध किया है।

World Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वे अफगानिस्तान के बरगाम एयरबेस को फिर से हासिल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि यह एयरबेस (airbase) हमें कभी नहीं छोड़ना चाहिए था। उनका यह बयान 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए बेस के महत्व को रेखांकित करता है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को इसकी रणनीतिक स्थिति और सुरक्षा दृष्टि से हमेशा ध्यान रखना चाहिए था।

2021 में तालिबान ने किया कब्जा

साल 2021 में अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान ने बरगाम एयरबेस पर कब्जा कर लिया था। तब से यह एयरबेस अफगानिस्तान में उनकी सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा बन गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिकी सुरक्षा और क्षेत्रीय नियंत्रण को देखते हुए इस एयरबेस पर फिर से नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं। 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बाद आया ट्रंप का बयान

ट्रंप का यह बयान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (Keir Starmer) के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक दिन बाद आया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि अमेरिका 11 सितंबर के बाद बनाए गए बेस पर नियंत्रण वापस पाने के लिए प्रयासरत है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि बरगाम एयरबेस रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और इसे खोना अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है।

अफगानिस्तान ने जताया विरोध

अमेरिका की इस कोशिश पर अफगान अधिकारियों ने विरोध जताया है। अफगान विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा कि अफगानिस्तान और अमेरिका को बातचीत (talks) के माध्यम से समाधान निकालने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी सैन्य उपस्थिति (military presence) अफगानिस्तान में स्थायी नहीं होनी चाहिए। अफगान अधिकारियों का कहना है कि देश की संप्रभुता (sovereignty) और क्षेत्रीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए ही किसी भी निर्णय पर पहुँचना चाहिए।

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