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India’s Retail Inflation: महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 2.07% हुई, जानिए खाने-पीने की चीजों ने कैसे बढ़ाई कीमतें

India’s Retail Inflation: महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 2.07% हुई, जानिए खाने-पीने की चीजों ने कैसे बढ़ाई कीमतें

अगस्त 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर 2.07% पर पहुंच गई, जो जुलाई के 1.55% से बढ़ी है। बढ़ोतरी मुख्य रूप से खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेजी और बेस इफेक्ट घटने के कारण हुई। पिछले नौ महीनों तक महंगाई लगातार कम हो रही थी और यह RBI के 2-6% लक्ष्य से काफी नीचे थी।

India’s Retail Inflation: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में भारत में खुदरा महंगाई दर 2.07% रही, जो जुलाई के 1.55% से बढ़ी। महंगाई में यह वृद्धि मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में तेजी और बेस इफेक्ट घटने के कारण हुई है। जुलाई तक लगातार नौ महीने तक घटती महंगाई दर ने RBI के 2-6% लक्ष्य से काफी कम स्तर दिखाया था, जबकि अगस्त में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई।

महंगाई में वृद्धि के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, अगस्त में खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी के दो मुख्य कारण हैं। पहला, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेजी। आमतौर पर जब खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती हैं तो महंगाई पर सीधा असर पड़ता है। दूसरा कारण बेस इफेक्ट का घटना है। साल भर के आंकड़ों की तुलना करने पर अगर पिछले वर्ष की कीमतें कम रही हों, तो इस साल की मामूली बढ़ोतरी भी महंगाई दर को ऊपर दिखा सकती है।

विशेषज्ञों ने कहा कि अगस्त में खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी के कारण ही खुदरा महंगाई में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा, अन्य आवश्यक वस्तुओं और परिवहन खर्च में भी मामूली वृद्धि ने महंगाई पर दबाव डाला।

सरकारी नीतियों का योगदान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया महंगाई को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य रखता है। इस साल अब तक RBI ने ब्याज दरों में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। हालांकि, अपनी हालिया बैठक में बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले अक्टूबर 2024 में महंगाई दर 6.21 फीसदी थी। इसके बाद लगातार हर महीने महंगाई दर में कमी देखी गई।

जून 2025 में महंगाई दर 2.82 फीसदी रही थी। जुलाई में यह 2.1 फीसदी और अगस्त में 2.07 फीसदी पर दर्ज की गई। पिछले साल की तुलना में इस साल अगस्त में महंगाई में मामूली बढ़ोतरी हुई है। रॉयटर्स के एक सर्वे के अनुसार, अगस्त में महंगाई दर के थोड़ा बढ़ने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी।

खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान

अगस्त में महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण खाद्य पदार्थ रहे। सब्जियों, दालों और दूध जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से आम आदमी की जेब पर असर पड़ा। इसके अलावा, तेल, चीनी और अनाज की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में अगर मौसम और उत्पादन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है तो खाद्य महंगाई में स्थिरता बनी रह सकती है। वहीं, अगर किसी कारण से अनाज और सब्जियों की आपूर्ति में कमी आती है तो महंगाई में और बढ़ोतरी हो सकती है।

महंगाई दर में धीमी गिरावट जारी

पिछले नौ महीनों की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में महंगाई दर में समग्र गिरावट रही है। जून 2025 में 2.82 फीसदी, जुलाई में 2.1 फीसदी और अगस्त में 2.07 फीसदी दर दर्ज हुई। यह दर RBI के लक्ष्य सीमा के भीतर बनी हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की नीतियों, कृषि उत्पादन की स्थिरता और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर आने वाले महीनों में महंगाई पर नियंत्रण संभव है। यदि खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी रहती है, तो खुदरा महंगाई को सीमित रखा जा सकता है।

महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति पर सीधा असर पड़ता है। हालांकि, 2.07 फीसदी की दर बहुत अधिक नहीं मानी जा रही है और यह सीमा RBI के लक्ष्य के भीतर है। इसके बावजूद, विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि आम आदमी को अपने खर्च और बचत पर ध्यान देना चाहिए। 

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