चार साल पहले हरियाणा की पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने इंद्री लॉन्च की, जिसने 2024 में भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की बनकर ग्लोबल पहचान बनाई। इसकी खासियत है तेज़ परिपक्वता, बेहतरीन क्वालिटी और सटीक पैकेजिंग, जिसने स्कॉच ब्रांड्स को भी पीछे छोड़ दिया।
नई दिल्ली: इंद्री भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की ने चार साल में ग्लोबल लेवल पर धूम मचा दी है। हरियाणा की पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा लॉन्च की गई यह व्हिस्की 2024 में सबसे ज्यादा बिकने वाली भारतीय सिंगल माल्ट बन गई और Glenlivet और Glenfiddich जैसे प्रतिष्ठित स्कॉच ब्रांड्स को पीछे छोड़ दिया। इसमें तेज़ परिपक्वता, स्वाद की गहराई, बेहतरीन पैकेजिंग और उचित कीमत ने उपभोक्ताओं का भरोसा जीता और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी हासिल किए।
वैश्विक पुरस्कार और पहचान
इंद्री ने अपने लॉन्च के बाद से ही कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किए हैं। 2024 में Whiskies of the World Awards में Indri Diwali Collectors Edition ने गोल्ड मेडल जीता। यह उपलब्धि भारतीय सिंगल माल्ट के लिए गर्व की बात है, क्योंकि इससे पहले अमरूत और पॉल जॉन जैसी ब्रांड्स ने ही वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई थी। इंद्री ने ग्लेनलिवेट और ग्लेनफिडिच जैसे प्रतिष्ठित स्कॉच ब्रांड्स को पीछे छोड़कर साबित कर दिया कि भारतीय सिंगल माल्ट अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भी मजबूत हैं।
भारत में बढ़ती लोकप्रियता
IWSR Drinks Market Analysis की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में पहली बार, भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री स्कॉच व्हिस्की से अधिक हो गई। इसके पीछे उपभोक्ताओं की बढ़ती नेट‑प्राइड और क्वालिटी के प्रति भरोसा प्रमुख कारण रहे। भारतीय ग्राहकों में अब Scotch की तुलना में Indian Single Malt को प्राथमिकता मिल रही है।
इंद्री ने अपने दूसरे वर्ष में ही 1 लाख केस बिक्री का रिकॉर्ड बनाया और दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की के रूप में पहचान बनाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी बिक्री में 599 प्रतिशत की वृद्धि हुई और भारत में इसका 30 प्रतिशत मार्केट शेयर बन गया।
इंद्री की खासियत
भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की को खास बनाने में कई कारक हैं। भारत के गर्म मौसम के कारण बैरल में हर साल 10 प्रतिशत या उससे अधिक वाष्पीकरण होता है, जबकि स्कॉटलैंड में यह मात्र 23 प्रतिशत होता है। इसके कारण भारतीय सिंगल माल्ट्स को 5 से 8 साल में ही खोल लिया जाता है, जबकि स्कॉटलैंड में लंबी उम्र की आवश्यकता होती है। इसका असर इसके स्वाद में भी देखा जा सकता है, जो गहरा और संतुलित होता है।
इसके अलावा इंद्री का क्वालिटी, पैकेजिंग और कीमत का संतुलन इसे बाजार में विशेष बनाता है। यह व्हिस्की सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि उपभोक्ता अनुभव में भी खास है। भारत में इसकी कीमत उपयुक्त रखते हुए इसे प्रीमियम व्हिस्की के रूप में पेश किया गया है, जिससे ग्राहकों को मूल्य और गुणवत्ता दोनों का भरोसा मिलता है।
उत्पादन और वैश्विक विस्तार
पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने FY25 में अपनी IMFL (Indian Made Foreign Liquor) डिवीजन में 40 प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि दर्ज की। कंपनी ने उत्पादन क्षमता, वेयरहाउसिंग और वैश्विक विस्तार पर 500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया है। इस निवेश का उद्देश्य इंद्री को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान दिलाना और उत्पादन को बढ़ाना है।
बाजार में भारतीय सिंगल माल्ट का दबदबा
अब केवल अमरूत और पॉल जॉन ही नहीं, बल्कि नए ब्रांड्स जैसे इंद्री, रामपुर और Godawan भी जोरदार तरीके से भारतीय सिंगल माल्ट के बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं। इन ब्रांड्स की सफलता दर्शाती है कि भारतीय व्हिस्की की गुणवत्ता अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी प्रतिस्पर्धी से कम नहीं है।