Pune

इंस्टाग्राम पर किशोरों की सुरक्षा के लिए मेटा ने लॉन्च किए नए मैसेजिंग सेफ्टी फीचर्स

इंस्टाग्राम पर किशोरों की सुरक्षा के लिए मेटा ने लॉन्च किए नए मैसेजिंग सेफ्टी फीचर्स

मेटा ने इंस्टाग्राम पर किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए नए मैसेजिंग फीचर्स लॉन्च किए हैं। इनमें स्कैमर्स की पहचान, मैसेज भेजने वाले की अकाउंट जानकारी, 'ब्लॉक और रिपोर्ट' का एकीकृत विकल्प और बच्चों के अकाउंट्स पर निगरानी जैसे उपाय शामिल हैं। 

Instagram: सोशल मीडिया के इस दौर में किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन चुकी है। टेक कंपनियां अब ऐसी नीतियों पर काम कर रही हैं जो किशोर उपयोगकर्ताओं को साइबर धोखाधड़ी, ऑनलाइन उत्पीड़न और अनुचित बातचीत से बचा सकें। इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए, मेटा (Meta) ने इंस्टाग्राम पर किशोरों के लिए नए सुरक्षा फीचर्स की घोषणा की है। मेटा का कहना है कि ये फीचर्स किशोरों को मैसेजिंग के दौरान अधिक जागरूक और सतर्क बनाएंगे। साथ ही, संभावित स्कैमर्स को पहचानने और ब्लॉक करने की प्रक्रिया को और भी आसान बना देंगे।

मैसेजिंग में जुड़ी सुरक्षा की स्मार्ट शील्ड

मेटा द्वारा घोषित पहली और सबसे खास सुविधा इंस्टाग्राम के Direct Messages (DM) में लाई गई है। जब कोई किशोर पहली बार किसी यूजर को मैसेज करता है — विशेषकर यदि वे एक-दूसरे को फॉलो करते हों — तो इंस्टाग्राम उन्हें कुछ सुरक्षा सलाह दिखाएगा।

इनमें ये सुझाव शामिल होंगे:

  • पहले व्यक्ति की प्रोफाइल ध्यान से देखें।
  • अगर बातचीत असहज लगती है, तो जवाब देना ज़रूरी नहीं।
  • सोच-समझकर निजी जानकारी साझा करें।

इस तरह, किशोरों को न केवल डिजिटल आत्मरक्षा की जानकारी मिलेगी, बल्कि वह एक सतर्क यूज़र के रूप में विकसित भी होंगे।

जानें मैसेज भेजने वाले की असली पहचान

एक और बड़ा अपडेट यह है कि अब किशोर उपयोगकर्ताओं को यह जानकारी भी मिलेगी कि जिस व्यक्ति से वे मैसेज पर बातचीत कर रहे हैं, उसका इंस्टाग्राम अकाउंट कब बना था (महीना और वर्ष)। यह फीचर स्कैमर्स को पहचानने में बेहद मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि अक्सर नए बनाए गए फेक प्रोफाइल से ही धोखाधड़ी की जाती है। किशोरों को इस जानकारी के आधार पर निर्णय लेने में आसानी होगी कि उन्हें उस व्यक्ति से बातचीत जारी रखनी है या नहीं।

ब्लॉक और रिपोर्ट अब एक ही क्लिक में

अक्सर किशोर यह समझ नहीं पाते कि असहज बातचीत होने पर क्या करें। इसीलिए मेटा ने अब 'ब्लॉक और रिपोर्ट' को एक ही विकल्प में जोड़ दिया है। अब यदि कोई किशोर किसी यूज़र को ब्लॉक करना चाहता है, तो उसी समय उस व्यक्ति की रिपोर्ट भी कर सकता है — एक ही क्लिक में। यह प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि किशोरों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से भी राहत देने वाली है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठा सकते हैं।

बच्चों के अकाउंट्स पर भी बढ़ेगी निगरानी

मेटा ने एक और संवेदनशील क्षेत्र को छूते हुए यह भी ऐलान किया कि अब वे उन इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर विशेष ध्यान देंगे जो बच्चों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करते हैं, पर असल में उन्हें वयस्कों द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह खासतौर पर उन अकाउंट्स के लिए लागू होगा जो बच्चों के टैलेंट मैनेजर, माता-पिता या अभिभावक द्वारा चलाए जाते हैं। मेटा की नीति के अनुसार, 13 साल से कम उम्र के बच्चे खुद से अकाउंट नहीं चला सकते। लेकिन यदि कोई वयस्क स्पष्ट रूप से यह बताता है कि वह बच्चे की ओर से अकाउंट चला रहा है, तो उसे अनुमति दी जा सकती है — बशर्ते वह इंस्टाग्राम की सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करे।

मेटा की नीति में बदलाव क्यों ज़रूरी है?

आज सोशल मीडिया पर किशोर वर्ग सबसे सक्रिय है, लेकिन वही सबसे अधिक जोखिम में भी है। फेक अकाउंट्स, ऑनलाइन ग्रूमिंग, साइबरबुलिंग और डेटा चोरी जैसे मामलों में किशोरों की हिस्सेदारी अधिक देखी गई है।मेटा का यह कदम दर्शाता है कि कंपनी अब केवल प्लेटफॉर्म विस्तार नहीं, बल्कि उपयोगकर्ता की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है। इन नई सुविधाओं से किशोरों को सशक्त करने और उन्हें सुरक्षित डिजिटल वातावरण देने की दिशा में ठोस प्रगति होगी।

भारत में इसका क्या असर पड़ेगा?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा इंस्टाग्राम यूज़र बेस रखने वाले देशों में से एक है। यहां किशोरों की संख्या लाखों में है, जो शिक्षा, मनोरंजन और सामाजिक जुड़ाव के लिए इंस्टाग्राम का उपयोग करते हैं।इन सुरक्षा उपायों के लागू होने से खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के किशोर, जहां डिजिटल जागरूकता अभी सीमित है, उन्हें साइबर सुरक्षा की बुनियादी जानकारी प्राप्त होगी।

Leave a comment