छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक चौंकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता से खनिज विकास निगम में अध्यक्ष पद दिलाने के नाम पर 41.30 लाख रुपये की ठगी की गई। यह ठगी किसी आम जालसाज ने नहीं, बल्कि एक महिला और उसके सहयोगी ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी। पीड़ित नेता ने जब पद न मिलने के बाद ठगे जाने का अंदेशा जताया, तब पुलिस में मामला दर्ज कराया गया।
महिला ने खुद को बताया आरएसएस पदाधिकारी
शिकायतकर्ता संतोष कटारिया, जो भाजपा की कोंडागांव जिला इकाई के कोर ग्रुप सदस्य हैं और अविभाजित मध्यप्रदेश में उत्तर बस्तर के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं, ने पुलिस को बताया कि 12 अगस्त 2024 को एक महिला काजल जोशी ने उनसे संपर्क किया। उसने खुद को नागपुर और दिल्ली निवासी बताया और भाजपा व आरएसएस की पदाधिकारी होने का दावा किया। इतना ही नहीं, महिला ने कहा कि उसके केंद्रीय मंत्रियों और छत्तीसगढ़ सरकार के बड़े नेताओं से अच्छे संबंध हैं, और वह खनिज विकास निगम में अध्यक्ष पद दिला सकती है।
कटारिया ने एफआईआर में बताया कि महिला ने इसके बदले 3 करोड़ रुपये की मांग की, लेकिन उन्होंने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई। इसके बाद बातचीत 20 लाख रुपये पर तय हुई और 20 अगस्त को कटारिया ने दिल्ली में काजल जोशी को यह रकम नकद में सौंप दी।
क्यूआर कोड से भेजे पैसे
ठगी की यह स्क्रिप्ट यहीं खत्म नहीं हुई। कटारिया के मुताबिक, 19 सितंबर को काजल जोशी ने एक क्यूआर कोड भेजकर उनसे और पैसे मांगे। इस पर उन्होंने 1.3 लाख रुपये और ट्रांसफर किए। इसके बाद अक्टूबर 2024 में रायपुर के एक होटल में महिला और उसके सहयोगी राजीव सोनी को 20 लाख रुपये नकद और दिए गए। लेकिन समय बीतने के बाद भी जब किसी प्रकार की नियुक्ति नहीं हुई और आरोपियों की ओर से टाल-मटोल शुरू हुई, तब जाकर कटारिया को ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस जांच में जुटी
कोंडागांव के केशकाल थाने में दर्ज मामले में पुलिस ने काजल जोशी उर्फ कोमल इंगुले और राजीव सोनी के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोनों आरोपियों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पद पाने की लालसा में लोग कैसे झूठे दावों के झांसे में आ जाते हैं और ठग इस कमजोरी का फायदा उठाते हैं। पुलिस की जांच अब तय करेगी कि इस गिरोह के तार कहां तक जुड़े हैं और इससे पहले कितने लोगों को इस तरह ठगा गया है।