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Israel Attacks Iran: इजरायली हमले में ईरान के टॉप कमांडर की मौत, मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर

Israel Attacks Iran: इजरायली हमले में ईरान के टॉप कमांडर की मौत, मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर

इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान पर हमला किया जिसमें रिवोल्यूशनरी गार्ड चीफ हुसैन सलामी की मौत हो गई। तेहरान में बमबारी के बाद क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।

Israel Attacks Iran: इजरायल ने एक बड़े सैन्य अभियान के तहत ईरान पर हमला किया है, जिसे 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया गया है। इस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के चीफ कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब पहले से ही दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ था। इजरायल द्वारा की गई इस सैन्य कार्रवाई ने पूरे मिडिल ईस्ट में उथल-पुथल मचा दी है।

तेहरान पर एयरस्ट्राइक, न्यूक्लियर साइट्स पर हमला

हमले की शुरुआत ईरान की राजधानी तेहरान पर एयरस्ट्राइक से हुई। इजरायली वायुसेना ने बमबारी कर ईरान की सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इन ठिकानों में विशेष रूप से नतांज में स्थित यूरेनियम संवर्धन संयंत्र और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम केंद्र शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दर्जनों वैज्ञानिक और शीर्ष सैन्य अधिकारी इस हमले में मारे गए या घायल हुए हैं।

हुसैन सलामी की मौत: ईरानी सुरक्षा तंत्र को बड़ा झटका

इजरायली स्ट्राइक में मारे गए ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड चीफ हुसैन सलामी की मौत को देश की सैन्य संरचना के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। सलामी लंबे समय से ईरान की रक्षा नीति के प्रमुख योजनाकार माने जाते थे और बैलिस्टिक मिसाइल विकास सहित कई सैन्य प्रोजेक्ट्स की अगुवाई कर रहे थे।

इजरायल में आपातकाल लागू

हमले के बाद इजरायल ने संभावित जवाबी हमलों को देखते हुए देशभर में आपातकाल घोषित कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और सीमाओं पर तैनाती बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक ईरान से इजरायल के अस्तित्व पर खतरा रहेगा, यह ऑपरेशन जारी रहेगा।

'हमने न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को निशाना बनाया' - नेतन्याहू

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा का कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को कमजोर करना है। उन्होंने दावा किया कि जिन वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया है, वे ईरान के न्यूक्लियर बम निर्माण में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे।

ईरान की पहली प्रतिक्रिया: सख्त जवाब की चेतावनी

इजरायल की इस सैन्य कार्रवाई के बाद ईरान सरकार ने तुरंत शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल को इस हमले की "कड़ी सजा" भुगतनी होगी। उन्होंने कहा कि यह हमला ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा हमला है और इसका जवाब जरूर दिया जाएगा।

तेहरान में दहशत, आम जनता में डर का माहौल

तेहरान में हुए धमाकों के बाद आम जनता में दहशत फैल गई है। कई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागते नजर आए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजधानी के कई हिस्सों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं।

अमेरिका ने खुद को अलग बताया, लेकिन इजरायल को दी सहमति

अमेरिका ने इस हमले में किसी भी तरह की प्रत्यक्ष भागीदारी से इनकार किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि इजरायल ने पहले से ही इस कार्रवाई की जानकारी दे दी थी, लेकिन अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। अमेरिका की प्राथमिकता इस समय अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।

इराक ने बंद किया एयरस्पेस, क्षेत्रीय उड़ानें प्रभावित

हमले के बाद इराक ने सुरक्षा कारणों से अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। इससे पूरे मिडिल ईस्ट में उड़ानों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इराक के सभी प्रमुख एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

'ऑपरेशन राइजिंग लायन' कई चरणों में होगा जारी

इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने स्पष्ट किया है कि यह ऑपरेशन एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह पहला चरण था, जिसमें दर्जनों सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया। आने वाले दिनों में यह कार्रवाई और तेज हो सकती है। सेना ने आम नागरिकों से संयम बरतने और सुरक्षा एजेंसियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

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