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ITR Filing 2025:टैक्स में बचत के नाम पर न करें गड़बड़ी, वरना भरना पड़ेगा जुर्माना

ITR Filing 2025:टैक्स में बचत के नाम पर न करें गड़बड़ी, वरना भरना पड़ेगा जुर्माना

आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करते समय करदाताओं को हर तरह की आमदनी को घोषित करना अनिवार्य होगा।

अगर आप वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। इनकम टैक्स विभाग अब ITR में किसी भी तरह की फर्जी जानकारी या झूठे डिडक्शन क्लेम को गंभीर अपराध मानकर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। गलत डिडक्शन दिखाना या इनकम छिपाना न केवल आपको जुर्माने का शिकार बना सकता है, बल्कि इसके लिए मुकदमा भी चलाया जा सकता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो गया है कि ITR भरते समय पूरी सतर्कता बरती जाए।

क्या है नया नियम

इनकम टैक्स विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी रिटर्न में जानबूझकर गलत जानकारी देता है, झूठे दस्तावेज लगाता है या फर्जी डिडक्शन क्लेम करता है तो उस पर जितना टैक्स बनता है, उसका दो सौ प्रतिशत तक पेनल्टी लग सकती है। इसके अलावा उस पर चौबीस प्रतिशत सालाना ब्याज और आयकर अधिनियम की धारा 276C के तहत कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

ये गलतियां आपको भारी नुकसान में डाल सकती हैं

रिटर्न भरते समय कुछ आम गलतियां ऐसी हैं जो अक्सर लोग कर बैठते हैं, लेकिन ये छोटी गलतियां भारी जुर्माने में बदल सकती हैं। आइए जानते हैं उन आम गलतियों के बारे में

बिना बिल या सबूत के 80C डिडक्शन क्लेम करना

धारा 80C के तहत PPF, एलआईसी प्रीमियम, ट्यूशन फीस आदि का डिडक्शन लिया जा सकता है लेकिन अगर आपके पास इनका वैध सबूत नहीं है तो डिपार्टमेंट आपका क्लेम रिजेक्ट कर सकता है। बिना प्रूफ के किए गए डिडक्शन को फर्जी माना जाएगा।

टैक्स रेजीम बदलने में गलती करना

अगर आप पहले पुराने टैक्स रेजीम चुनते हैं और बाद में नया चुन लेते हैं तो पुराने रेजीम के अंतर्गत लिए गए सभी डिडक्शन निरस्त हो सकते हैं। इस बदलाव की जानकारी सही ढंग से नहीं दी तो डिपार्टमेंट इसे छुपाई गई जानकारी मान सकता है।

बिना मकान मालिक के पैन और एग्रीमेंट के HRA क्लेम करना

घर किराए पर लेकर रहने वाले लोग HRA का क्लेम करते हैं लेकिन यदि आपके पास रेंट एग्रीमेंट और मकान मालिक का PAN नंबर नहीं है तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है। इससे जुड़े गलत दावे भी फर्जी माने जाएंगे।

पर्सनल खर्च को बिजनेस खर्च की तरह दिखाना

मोबाइल बिल, ट्रैवल खर्च, खानपान जैसी चीजें अगर निजी उपयोग की हैं तो उन्हें बिजनेस खर्च बताकर डिडक्शन लेना टैक्स चोरी मानी जाएगी। ये एक आम गलती है जो जुर्माने का कारण बन सकती है।

फ्रीलांसिंग, क्रिप्टो या साइड इनकम छिपाना

यदि आपने फ्रीलांसिंग, शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो या किसी अन्य माध्यम से अतिरिक्त इनकम कमाई है और उसे डिक्लेयर नहीं किया है तो यह गंभीर उल्लंघन है। इनकम टैक्स विभाग के पास अब ऐसे हर सोर्स की जानकारी होती है जो AIS के जरिए ट्रैक की जाती है।

पेनल्टी से बचना है तो रखें इन बातों का ध्यान

अगर आप चाहते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आप पर पेनल्टी न लगाए और आपकी रिटर्न बिना किसी परेशानी के स्वीकार हो जाए, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें

जिस चीज पर डिडक्शन क्लेम कर रहे हैं उसका प्रामाणिक दस्तावेज जरूर रखें

  • AIS यानी Annual Information Statement से अपनी इनकम का मिलान करें
  • हर तरह की आय को रिटर्न में डिक्लेयर करें, चाहे वह छोटी हो या बड़ी
  • डेडलाइन से पहले ITR फाइल करें ताकि संशोधन या सुधार का समय मिल सके
  • गलती करने पर संशोधित रिटर्न भी नहीं बनेगा बचाव

अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह पता चलता है कि आपने जानबूझकर गलत जानकारी दी है तो बाद में संशोधित रिटर्न यानी Revised Return भरने का भी कोई फायदा नहीं होगा। ऐसे मामलों में संशोधित रिटर्न को स्वीकार नहीं किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

चार्टर्ड अकाउंटेंट की गलती की जिम्मेदारी भी आपकी

कई लोग सोचते हैं कि अगर उनकी रिटर्न किसी कंसल्टेंट या सीए ने भरी है तो गलती की जिम्मेदारी उनकी होगी। लेकिन आयकर कानून के अनुसार रिटर्न फाइल करने वाले व्यक्ति की ही पूरी जिम्मेदारी होती है। इसलिए अगर सीए से भी गलती होती है तो जवाबदेही टैक्सपेयर की ही मानी जाएगी।

सभी करदाताओं पर लागू होते हैं ये नियम

ये सख्त नियम केवल वेतनभोगी या नौकरीपेशा लोगों पर नहीं बल्कि फ्रीलांसर, प्रोफेशनल, व्यापारी, छोटे उद्यमी और हर तरह के करदाता पर समान रूप से लागू होते हैं। इनकम टैक्स कानून में किसी भी तरह की छूट की गुंजाइश नहीं है।

AIS रिपोर्ट से जुड़ी सावधानी

AIS यानी Annual Information Statement वह रिपोर्ट है जिसमें बैंक ट्रांजेक्शन, शेयर बाजार में निवेश, म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड खर्च और अन्य सभी वित्तीय गतिविधियों की जानकारी दर्ज होती है। यह रिपोर्ट इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध होती है। ITR भरने से पहले इसकी जांच जरूरी है ताकि आप जान सकें कि सरकार के पास आपकी कौन सी वित्तीय जानकारी पहले से मौजूद है।

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