झुंझुनूं में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। गुढ़ागौड़जी में कच्चा मकान ढहने से एक महिला की मौत हो गई, युवक घायल हुआ। स्कूली बस पानी में फंसी, जिसे ट्रैक्टर से निकाला गया। काटली नदी में बहाव दिखा और सड़कों पर जलजमाव हो गया।
Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। जहां एक ओर ग्रामीण इलाकों में पानी भरने से सड़कें नदी जैसे बहने लगीं, वहीं दूसरी ओर गुढ़ागौड़जी कस्बे में एक बड़ा हादसा हो गया। बारिश के चलते एक पुराना कच्चा मकान ढह गया, जिसमें एक 36 वर्षीय महिला की मौत हो गई और एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौ
बारिश बनी जानलेवा, ढह गया मकान
बुधवार की शाम करीब 5 बजे गुढ़ागौड़जी कस्बे के बजावा रावतका मोहल्ले में एक पुराना कच्चा मकान तेज बारिश के चलते धराशायी हो गया। उस समय घर के अंदर सो रही महिला अंजू (36 वर्ष) और उसका भांजा मोहित (22 वर्ष) मलबे में दब गए। स्थानीय लोगों ने शोर सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने की कोशिश की और दोनों को बाहर निकाला।
प्राथमिक उपचार के लिए दोनों को गुढ़ागौड़जी के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने अंजू को मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि सिर और सीने पर गंभीर चोटें आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। अंजू अविवाहित थी और कई वर्षों से अपनी मौसी के घर रह रही थी। वहीं मोहित की हालत अब स्थिर है और वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
बच्चों से भरी स्कूल बस फंसी पानी में
बारिश के कहर की दूसरी बड़ी तस्वीर गुढ़ागौड़जी के ही एक अन्य इलाके से सामने आई, जहां एक निजी स्कूल की बस बारिश के पानी में फंस गई। बस में करीब 20 से अधिक बच्चे सवार थे। पानी सड़क पर इतना भर चुका था कि बस आगे नहीं बढ़ पाई और बीच रास्ते में रुक गई। बच्चों में घबराहट फैल गई और कुछ ने रोना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए ट्रैक्टर बुलवाया और रस्सी की मदद से बस को बाहर निकाला गया। गनीमत रही कि कोई बच्चा घायल नहीं हुआ, लेकिन यह हादसा कुछ बड़ा हो सकता था यदि समय पर सहायता नहीं पहुंचती।
काटली नदी में दिखा वर्षों बाद बहाव
इस बारिश से एक ओर जहां काटली नदी में वर्षों बाद बहाव नजर आया, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी समस्याएं भी सामने आईं। कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया। सड़कों पर पानी जमा हो गया और गलियां पानी से लबालब हो गईं। लोगों को अपने घरों से निकलने में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गुढ़ागौड़जी और उदयपुरवाटी में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई क्षेत्रों में लोगों के घरों में भी पानी घुस गया। छोटे व्यवसायियों की दुकानों में भी पानी भरने से आर्थिक नुकसान हुआ है।
प्रशासन से जर्जर मकानों की जांच की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि कस्बे और आसपास के इलाकों में स्थित पुराने और जर्जर मकानों की तत्काल जांच की जाए। बरसात के मौसम में ऐसे मकान कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन सतर्क नहीं होगा, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे। विशेष रूप से अकेले रहने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और गरीब परिवारों को लेकर चिंता जताई जा रही है, जिनके पास मजबूत मकान बनवाने का साधन नहीं है।
क्या कहता है स्थानीय प्रशासन?
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, नगर पालिका और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति नहीं जारी की गई है। हालांकि, आपदा प्रबंधन टीम को अलर्ट पर रखा गया है और नुकसान का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि बरसात के पहले ही यदि जर्जर मकानों की लिस्टिंग और अलर्ट जारी किया जाता तो शायद अंजू की जान बच सकती थी।