सुलतानपुर जिले के कादीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में शनिवार शाम डॉक्टर और फार्मासिस्ट के बीच हुई मारपीट की घटना ने स्वास्थ्य विभाग को झकझोर दिया। अधिकारियों ने मामला संज्ञान में लेते हुए इसकी तहकीकात के लिए तीन सदस्यों की जांच टीम भी बना दी है
घटना की पृष्ठभूमि
विवाद की शुरुआत उस समय हुई, जब एक मरीज को दवा लिखने की ज़रूरत पड़ी। डॉक्टर ने बाहर से लिखी गई दवा पर सवाल उठाए, और फार्मासिस्ट अवधेश कुमार मौर्य ने भी जवाब दिया। बातचीत बढ़ी तो हाथापाई तक पहुँच गई।
घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। अधिकारी दावा करते हैं कि सुलहनामा (समझौता दस्तावेज) पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाए गए।
फार्मासिस्ट ने एक प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्हें मना करने पर भी सुलहनामा पर दस्तखत करने को कहा गया — वह इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
जांच प्रक्रिया और अधिकारी बयान
जांच टीम में शामिल हैं: अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.सी. सरोज, डॉ. संजय गुप्ता, और जिला अस्पताल के मुख्य फार्मासिस्ट शशिकांत मिश्र।
टीम ने मौके पर जाकर डॉक्टर दीपंकर विश्वास, फार्मासिस्ट अवधेश कुमार मौर्य, CHC अधीक्षक डॉ. सेवाराम यादव, पूर्व अधीक्षक डॉ. मिथिलेश वर्मा एवं अन्य स्टाफ के बयानों को रिकॉर्ड किया। जांच टीम ने कहा है कि दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
महत्व एवं संभावित प्रभाव
यह घटना स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता और स्वच्छ संचालन पर प्रश्न खड़ा करती है। यदि जांच में यह सत्य पाया गया कि दबाव बनाया गया और सुलहनामा ज़बरदस्ती कराया गया, तो संबंधित लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।चिकित्सा व्यवस्था और फार्मेसी विभाग के बीच स्पष्ट भूमिका एवं जिम्मेदारी की सीमा तय करना अब और ज़रूरी हो गई है।