इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर यूनिवर्सिटी) की एक एलएलबी छात्रा की याचिका को खारिज करते हुए उस पर ₹20 हजार का जुर्माना लगाया है। छात्रा ने दावा किया था कि उसे विश्वविद्यालय ने परीक्षा में 500 में से केवल 182 अंक दिए, जबकि उसके अनुसार उसे 499 अंक मिलने चाहिए थे।
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने छात्रा की दलीलों को निराधार बताते हुए कहा कि “छात्रा को कोर्ट में समय गंवाने के बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।” अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसी याचिकाएं न्यायालय का अनावश्यक समय व्यर्थ करती हैं।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा ने इससे पहले भी परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट होकर करीब 10 याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें पुनर्मूल्यांकन और विशेष अपीलें शामिल थीं। विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच समिति ने छात्रा की OMR शीट की जांच की और पुष्टि की कि उसे कुल 181 अंक ही प्राप्त हुए हैं।
कोर्ट ने छात्रा को आदेश दिया कि वह ₹20 हजार का जुर्माना 15 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के खाते में जमा करे।













