Columbus

केरल में जहरीले सांपों पर बड़ा फैसला, सर्पदंश को घोषित किया जाएगा जन स्वास्थ्य बीमारी

केरल में जहरीले सांपों पर बड़ा फैसला, सर्पदंश को घोषित किया जाएगा जन स्वास्थ्य बीमारी

केरल सरकार ने सर्पदंश को जन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण रोग घोषित किया और विषैले सांपों से निपटने के लिए आदिवासी स्वयंसेवकों सहित प्रशिक्षण शुरू करने की घोषणा की। SARPA ऐप और एंटी वेनम आपूर्ति प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।

तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने सांपों के लिए उपयुक्त एंटी-वेनम ड्रग्स के उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए नई पहल की घोषणा की है। अब राज्य में सर्पदंश को जन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण बीमारी के रूप में मान्यता दी जाएगी।

वन मंत्री ए. के. ससीन्द्रन ने बताया कि वन विभाग जल्द ही आदिवासी समुदायों और स्वयंसेवकों को विष निकालने का प्रशिक्षण देगा। वर्तमान में राज्य तमिलनाडु से एंटी-वेनम सप्लाई पर निर्भर है। इस कदम का उद्देश्य सर्पदंश से होने वाली मौतों और जटिलताओं को कम करना है।

केरल में जहरिले सांपों से स्वास्थ्य खतरा

केरल के ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में कई प्रकार के जहरीले सांप पाए जाते हैं। इसमें कोबरा, रसेल वाइपर, क्रेट, सॉ-स्केल्ड वाइपर और हंप-नोज्ड पिट वाइपर शामिल हैं। ये सांप गंभीर गुर्दे की जटिलताओं और कम रिपोर्ट की गई मौतों से जुड़े हैं।

जर्नल ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के 2021 के अध्ययन के अनुसार, इन सांपों के विष का प्रभाव गंभीर हो सकता है, जिससे तुरंत मेडिकल इंटरवेंशन और एंटी-वेनम की आवश्यकता होती है।

अस्पतालों में सर्पदंश के मामलों की रिपोर्टिंग जरूरी

केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सर्पदंश को एक अधिसूचित रोग घोषित किया जाए। इस आदेश के बाद अब अस्पतालों में मामलों की अनिवार्य रिपोर्टिंग, विष-रोधी आपूर्ति श्रृंखलाओं का सुदृढ़ीकरण और उपचार प्रोटोकॉल का मानकीकरण अनिवार्य होगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में हर साल 3,000 से अधिक गंभीर सर्पदंश की घटनाएं दर्ज की जाती हैं। यह कदम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप है।

सुरक्षित बचाव के लिए SARPA ऐप उपयोगी

वन विभाग ने SARPA नामक ऐप विकसित किया है, जो नागरिकों को प्रमाणित बचावकर्मियों से जोड़ता है और सुरक्षित प्रथम प्रतिक्रिया पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म घटनाओं का डेटा रिकॉर्ड करता है और आपातकालीन बचाव दल और अस्पताल चेतावनी प्रणाली के साथ समन्वय स्थापित करता है।

2017-2022 के बीच SARPA ऐप के आंकड़ों के अनुसार, सर्पदंश से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार कमी आई है। यह पहल नैदानिक प्रबंधन और रिपोर्टिंग को सशक्त बनाती है।

सर्पदंश रोकने में WHO दिशा निर्देश लागू

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2017 में सर्पदंश के विष को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग के रूप में मान्यता दी थी। WHO ने 2030 तक इससे होने वाली मौतों और विकलांगताओं को आधा करने का लक्ष्य रखा है।

केरल की नई नीति WHO की वैश्विक रणनीति के अनुरूप है। इसमें प्रशिक्षित सर्प निरोधक, आपातकालीन बचाव दल और अस्पताल चेतावनी प्रणाली शामिल हैं, जो मृत्यु दर कम करने और स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

Leave a comment