किडनी स्टोन या पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो शरीर में मिनरल्स के जमा होने से बनती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसके तीन मुख्य कारण हैं: कम पानी पीना, अधिक नमक वाली डाइट और कैल्शियम-ऑक्सलेट की अधिकता। समय पर पहचान और उचित बचाव से दर्द और जटिलताओं को रोका जा सकता है।
Kidney Stone: स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि किडनी में पथरी धीरे-धीरे बनती है और नजरअंदाज करने पर गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। भारत में कई लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, खासकर जिनकी पानी की कमी, ज्यादा नमक वाला खानपान और शरीर में कैल्शियम-ऑक्सलेट की अधिकता है। डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, किडनी स्टोन का प्रारंभिक लक्षण कमर या पेट में तेज दर्द, पेशाब में जलन और यूरिन नली में ब्लॉकेज हो सकता है। समय पर बचाव और नियमित जांच से इससे होने वाली जटिलताओं को टाला जा सकता है।
किडनी स्टोन क्या है और इसके लक्षण
किडनी स्टोन तब बनती है जब किडनी में जमा मिनरल्स आपस में चिपककर क्रिस्टल बना लेते हैं। ये क्रिस्टल शुरू में छोटे होते हैं, लेकिन समय के साथ बड़े टुकड़ों में बदल जाते हैं। जब ये यूरिन नली तक बढ़ते हैं, तो तेज दर्द, पेशाब में जलन और ब्लॉकेज जैसी समस्याएं होती हैं। सामान्य लक्षणों में कमर या पेट के निचले हिस्से में अचानक और तेज दर्द, पेशाब में खून या बदबू, उल्टी-मतली और बेचैनी शामिल हैं।
सभी किडनी स्टोन्स एक जैसे नहीं होते। इनके प्रकार कैल्शियम स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन, स्ट्रूवाइट स्टोन और सिस्टीन स्टोन हैं। प्रत्येक प्रकार की पथरी बनने की प्रक्रिया, खानपान और शरीर की मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करती है। इसलिए, सही जानकारी और टेस्ट जरूरी हैं।

विशेषज्ञ की राय
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, किडनी में पथरी बनने के मुख्य तीन कारण हैं। पहला, कम पानी पीना। पर्याप्त पानी न लेने पर यूरिन गाढ़ा हो जाता है, जिससे मिनरल्स जमा हो जाते हैं। दूसरा, ज्यादा नमक वाली डाइट। अधिक सोडियम शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाता है, जिससे क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ जाती है। तीसरा कारण, शरीर में ऑक्सलेट या यूरिक एसिड का अधिक निर्माण। कुछ लोगों की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया इसे नियंत्रित नहीं कर पाती, और यही जमा होकर पथरी बनती है।
अन्य जोखिम कारकों में परिवार का इतिहास, मोटापा, ज्यादा मीठा या प्रोसेस्ड खाना, अधिक चाय-कॉफी और हाई प्रोटीन डाइट शामिल हैं। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और उच्च यूरिक एसिड वाले मरीजों में भी खतरा बढ़ जाता है।
बचाव के उपाय
किडनी स्टोन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है पर्याप्त पानी पीना, रोजाना 8-9 गिलास। नमक और पैकेज्ड फूड की मात्रा कम रखें और ऑक्सलेट-युक्त चीजों का संतुलित सेवन करें। कैल्शियम की मात्रा डॉक्टर की सलाह अनुसार रखें। समय पर पेशाब करें, पेशाब रोकने से बचें। अगर शरीर में यूरिक एसिड या मिनरल्स का बैलेंस बिगड़ा है, तो नियमित टेस्ट कराना जरूरी है।













