हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को थप्पड़ मार दिया। यह विवाद धान की खरीद न होने पर लघु सचिवालय में हुए धरने के दौरान हुआ।
Haryana News: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक राजेश कुमार को थप्पड़ जड़ दिया। किसान नेता चढूनी और अन्य किसान लघु सचिवालय में धान की समय पर खरीद न होने के विरोध में धरने पर बैठे थे। थप्पड़ देने के बाद चढूनी भावुक हो गए और अपनी परेशानी फूट-फूट कर व्यक्त की।
पुलिस ने धरना कर रहे किसानों को हिरासत में लिया
कुरुक्षेत्र में गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) को थप्पड़ मारने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। चढूनी समेत 30 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर झांसा थाने ले जाया गया। इससे अन्य किसान आक्रोशित हो गए और उन्होंने थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया।
किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी किसानों को सर्किट हाउस बुलाया और बातचीत की प्रक्रिया शुरू की।
किसान नेता का वीडियो वायरल
थप्पड़ कांड से पहले गुरनाम सिंह चढूनी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह किसानों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि “आपने (किसानों) थप्पड़ मारा है। एक अरेस्ट होगा या सारे अरेस्ट होंगे।” वीडियो में किसान हाथ उठाकर चढूनी का समर्थन करते नजर आए।
इस वीडियो ने आंदोलन में नई ऊर्जा भर दी और किसानों में नेता के प्रति एकजुटता दिखाई। किसान नेता ने धान की खरीद में अनियमितताओं और मंडियों में होने वाली समस्याओं का मुद्दा उठाया।
कुरुक्षेत्र में हाई वोल्टेज ड्रामा
धरना सुबह से ही हाई वोल्टेज ड्रामा में बदल गया। किसान सिटी थाने का घेराव करने पहुंचे और अपने नेता की रिहाई की मांग की। वहीं, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और किसानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था लागू की।
किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं सुन रहा। आंदोलन के दौरान दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया, जिससे घटनास्थल पर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
प्रशासन और पुलिस का बयान
DSP लाडवा रणधीर सिंह ने बताया कि गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है, लेकिन अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों की तरफ से भी DFSC के खिलाफ शिकायत दी गई है, जिसकी जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और धरना समाप्त हो गया है। उन्होंने किसानों से अपील की कि किसी तरह की हिंसा न हो और सभी विवादों को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से हल किया जाए।
किसानों की मांग और अल्टीमेटम
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने चेतावनी दी कि सरकार को 25 अक्टूबर तक उनकी मांगें पूरी करनी होंगी। उन्होंने कहा कि उनकी दो मुख्य मांगें हैं—DFSC को सस्पेंड किया जाए और उसकी जगह नया अधिकारी लगाया जाए, साथ ही हमेशा के लिए RO खोल दिया जाए।
यदि 25 अक्टूबर तक ये मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो यूनियन राज्यस्तरीय मीटिंग आयोजित करेगी और आगे की रणनीति तय करेगी। किसान नेता ने कहा कि यह सरकार के लिए स्पष्ट संदेश है कि वे किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते।