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किसानों के लिए बड़ी योजना ला रही योगी सरकार: 16 सितंबर से शुरू होगा पंजीकरण अभियान

किसानों के लिए बड़ी योजना ला रही योगी सरकार: 16 सितंबर से शुरू होगा पंजीकरण अभियान

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना लेकर आई है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के 2.88 करोड़ से अधिक किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए 16 सितंबर से पूरे राज्य में विशेष अभियान चलाया जाएगा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वह 100 प्रतिशत किसान पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए 16 सितंबर से राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस अभियान की प्रगति की दैनिक समीक्षा जिला मजिस्ट्रेट करेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राजस्व विभाग को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड को आधार के अनुरूप सुधारा जा सके और किसानों को पंजीकरण में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

राज्य सरकार का लक्ष्य 2.88 करोड़ किसानों का पंजीकरण करने का है। अब तक लगभग 1.45 करोड़ किसान (कुल लक्ष्य का 50% से अधिक) पंजीकृत हो चुके हैं।

100 प्रतिशत पंजीकरण का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की अगली किस्त जारी होने से पहले हर किसान का पंजीकरण पूरा होना चाहिए। यही कारण है कि इस अभियान की निगरानी सीधे जिलाधिकारियों (DMs) के स्तर पर की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट रोजाना अभियान की समीक्षा करेंगे और प्रगति रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे।

राजस्व विभाग को भी सक्रिय किया गया है। विभाग ने सभी राजस्व अधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों के भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड को आधार के अनुरूप दुरुस्त किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को योजनाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के मिल सके।

पंजीकरण में आगे निकले ये जिले

सरकार के मुताबिक, कई जिले इस समय पंजीकरण अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

  • बिजनौर – 58% से अधिक पंजीकरण
  • हरदोई – 57.84%
  • श्रावस्ती – 57.47%
  • पीलीभीत – 56.89%
  • रामपुर – 56.72%

ये जिले राज्य के शीर्ष पाँच जिलों में शामिल हैं, जहाँ किसानों ने सबसे ज्यादा उत्साह दिखाया है।

सत्यापन की प्रक्रिया भी तेज़

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जो किसान अभी तक पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं, उनके प्रमाण-पत्रों का सत्यापन स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। कई जिलों ने इस मामले में सराहनीय प्रगति दर्ज की है।

  • अमरोहा
  • आजमगढ़
  • बलरामपुर
  • एटा
  • जौनपुर

इन जिलों में 100 प्रतिशत सत्यापन का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है।

किसानों के लिए सरकार की रणनीति

राज्य सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को गति देने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • व्यापक IEC अभियान – जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों को और तेज करें ताकि अधिक से अधिक किसान पंजीकरण प्रक्रिया से जुड़ सकें।
  • पिछड़े जिलों पर फोकस – जहां पंजीकरण दर अभी कम है, वहां के लिए विशेष रणनीति अपनाई जाएगी। राजस्व और कृषि विभाग के जमीनी अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क करेंगे।
  • डिजिटल रिकॉर्ड सुधार – आधार से लिंक किए गए भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड से पारदर्शिता बढ़ेगी और भविष्य में किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खातों में मिलेगा।

यह अभियान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) से सीधा जुड़ा हुआ है। इस योजना के तहत हर पात्र किसान को सालाना 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह रकम तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है।

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